मुंबई : चीनी मंडी
महाराष्ट्र में इस साल १ अक्तूबर से ही क्रशिंग सीजन शुरू होने वाला है, अभीतक चीनी मिलों में पिछले साल की लगभग ४५- ५० लाख टन चीनी गोदामों में पड़ी है और इस साल भी गन्ने की फसल और चीनी का बम्पर उत्पादन होने का अनुमान है. इस हालत में नए सीजन में उत्पादित
होनेवालि चीनी आखिर रखेंगे कहाँ ? ऐसी चिंता गन्ना मिलों को सता रही है. इसी तर्ज पर चीनी मिलों ने सरकार से गोदाम योजना शुरू करने की गुहार लगाई है.
२०१८-२०१९ के क्रशिंग सीज़न में करीबी करीब १०७ लाख टन चीनी का उत्पादन होने का अनुमान है. और इतनी चीनी अपने गोदामों में रखने की क्षमता बहुत कम चीनी मिलों के पास है. इसीलिए चीनी मिलों की प्रतिनिधी मंडल ने महाराष्ट्र के सहकार मंत्री सुभाष देशमुख जी से राज्य में गोदाम योजना शुरू करने की मांग की है.
पिछले साल भी चीनी का कुल उत्पादन १०७ लाख टन हुआ था, उस समय भी मिलों को चीनी स्टोर करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा था, इसी बात को ध्यान में रखते हुए चीनी मिलों के प्रतिनिधियों ने सहकार मंत्री देशमुख जी से घोडं योजना शुरू करने की मांग की है….
क्रशिंग सीज़न के पहले २-३ महीनों में चीनी की स्टोरेज करने में दिक्कत पैदा होती है, इसीलिए चीनी मिलों को केंद्र सरकार की चीनी विकास निधि (एसडीएफ) के सहयोग से ४-५ प्रतिशत ब्याज पर कर्जा देना चाहिए और उसपर २० – ३० प्रतिशत अनुदान दे दिया जाना चाहिए – रंजन तावरे, अध्यक्ष मालेगांव कारखाना
Sugar ke Lia koi plan Govt ke pas tayar nahi hi. Dicontrol sugar indastri ko control order me nahi lana tha political dhabav me nirnay liya gaya hi ese hatana chahia sugar ko dicontrol rakhanahi udog ke liye behtrin hoga. Govt Gst par sahi dhagse laxya kendrit kare ye sal me bahot news me gst chori ki bath chali thi.