नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने अल्कोहल वाले हैंड सैनिटाइजर बनाने के लिए भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के पास उपलब्ध अधिशेष चावल के इस्तेमाल को मंजूरी दी है। भारत में फैल रहे कोरोना महामारी से बचाव के लिए जरुरी हैंड सैनिटाइजर की बढ़ती मांग को देखते हुए यह फैसला किया गया है।
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक एफसीआई के सरकारी गोदामों में कुल 58.49 मिलियन टन खाद्यान्न है, जिसमें चावल 30.97 मिलियन टन और गेहूं 27.52 मिलियन टन है।
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि बॉयोफ्यूल 2018 पॉलिसी के तहत खाद्यान्न के अधिशेष को नेशनल बायोफ्यूल कोआर्डिनेशन कमिटी (एनबीसीसी) के अनुमोदन के आधार पर इथेनॉल में बदला जा सकता है। इसे केवल एक कृषि फसल वर्ष के दौरान किया जा सकता है। केंद्र सरकार का यह फैसला हाल ही में हुए पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की अध्यक्षता में एनबीसीसी की बैठक में लिया गया। इस बैठक में भारतीय खाद्य निगम में उपलब्ध अधिशेष चावल को अल्कोहल आधारित हैंड सैनिटाइजर बनाने के लिए इथेनॉल में परिवर्तित करने और पेट्रोल में सम्मिश्रण करने की अनुमति दी गई।
गौरतलब है कि सरकार ने हाल ही में देश की अनेक डिस्टिलरीज वाली चीनी मिलों को हैंड सैनिटाइजर बनाने का लाइसेंस दिया ताकि वे कोरोना महामारी से बचाव के लिए अस्पतालों और स्वास्थ्य संस्थानों को मुहैया करा सकें।
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