कोल्हापूर: चीनी मंडी
तमिलनाडु के कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन एजेंसी (एटीएमए) और पेरामबलुर किसान प्रशिक्षण केंद्र ने गन्ना उत्पादन का अध्ययन करने के लिए चार जिलों से 20 गन्ना किसानों को कोल्हापूर दौरे पर भेजा है । यह किसान यहाँ गन्ना खेती और सिंचाई प्रबंधन का अध्ययन करेंगे। अध्ययन दौरे में पेरामंबुर जिले से ९ और एरियालुर, नागपट्टिनम और कुड्डालोर जिलों से शेष ११ किसानों को शामिल किया गया है, प्रति एकड़ 50 टन गन्ने की उपज करनेवाले किसानों को इस दौरे के लिए चुना गया है। उनके साथ पेरामंबुर कृषि विभाग के एक अधिकारी की दौरे में शामिल है, पांच दिवसीय अध्ययन के बाद 17 अगस्त को किसानों का दौरा खत्म हो जायेगा ।
तमिलनाडू के कावेरी और कई जिलों में प्रति एकड़ उपज जादा दे सके ऐसे नई गन्ना नस्ल का इस्तेमाल करने का विचार चल रहा है । चूंकि महाराष्ट्र में कोल्हापुर जिले में कुछ साल पहले इसी तरह की चुनौती का सामना करना पड़ा था, और कोल्हापूर सिंचाई प्रौद्योगिकी में नई गन्ना नस्ल और उसकी प्रगति के विकास में सफल रहा, इसीलिए तमिलनाडू के कृषि विभाग ने कहा कि, उन्होंने अध्ययन दौरे के लिए कोल्हापूर जिले का चयन किया। पेरामबलूर के किसान प्रशिक्षण केंद्र के उप निदेशक आर. संतानकृष्णन ने कहा, किसानों की क्षेत्रीय यात्राओं के माध्यम से गन्ना खेती और ड्रिप सिंचाई का अध्ययन किया जाएगा।” कावेरी और उसके नजदीकी जिलों में किसान सबसे जादा गन्ने की खेती करना पसंद कर सकते हैं। इसीलिए वही के 20 किसानों ने गन्ना के खेतों में पांच दिवसीय लंबे अध्ययन के लिए भेजा गया है ।