इस्लामाबाद : पाकिस्तान सरकार ने मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद चीनी जांच आयोग की रिपोर्ट को सार्वजनिक कर दिया है। सूचना मंत्री शिबली फ़राज़ ने इस्लामाबाद में मीडिया को एक जानकारी देते हुए कहा कि, पीटीआई सरकार दृढ़ता से शासन में जवाबदेही और पारदर्शिता के लिए प्रतिबद्ध है। इस अवसर पर प्रधान मंत्री के विशेष सहायक मिर्जा शहजाद अकबर ने कहा कि, पिछले कुछ वर्षों में चीनी की कीमतों में वृद्धि के कारणों का पता लगाने के लिए चीनी जांच आयोग की स्थापना की गई थी। उन्होंने कहा कि, आयोग ने गुरुवार को आयोजित विशेष कैबिनेट बैठक में अपनी विस्तृत रिपोर्ट दी।
शहजाद अकबर ने कहा कि, रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि चीनी मिल मालिकों ने गन्ना किसानों को समर्थन मूल्य से कम राशि का भुगतान किया। इसके अलावा, चीनी मिलों ने गन्ने के वजन में 15 से 30 प्रतिशत तक की कटौती की। आयोग ने किसानों को नकद या कमोडिटी के रूप में अग्रिम भुगतान देने के रूप में भी अनियमितताएं पाईं है। शहज़ाद अकबर ने कहा कि पाकिस्तान के इतिहास में आज का दिन बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि किसी भी सरकार ने अतीत में इस तरह के आयोग नहीं बनाए हैं। प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी सभी सरकारी सलाहकारों को निर्देश दिया कि वे पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए अपनी संपत्ति की घोषणा करें। पिछले पांच वर्षों में चीनी उद्योग को 29 अरब रुपये की सब्सिडी दी गई।
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