मंड्या : बागलकोट जिला स्थित निरानी शुगर्स ने पांडवपुर चीनी मिल के नाम से प्रसिद्ध दशकों पुराने पांडावपुरा सहकारी चीनी मिल (PSSKL) का लीज टेंडर जीता। PSSKL मिल मंड्या जिले के पांडवपुरा में स्थित है। मंड्या जिले के हजारों किसानों के लिए जीवन रेखा के रूप में मानी जानेवाली PSSKL फैक्ट्री को-ऑपरेटिव सेक्टर के तहत दशकों पहले स्थापित किया गया था और राज्य में एकमात्र सहकारी चीनी मिल होने का गौरव प्राप्त किया था। लेकिन समय के साथ, मिल घाटे में चला गया और परिणामस्वरूप, यह पंद्रह साल पहले बंद हो गया।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 2006 में तत्कालीन JD(S) -बीजेपी गठबंधन सरकार के नेतृत्व में एच.डी. कुमारस्वामी ने मिल को बचाने के लिए बोली लगाकर कोठारी शुगर्स को लीज पर दे दिया। लेकिन कारखाना फिर से वित्तीय मुश्किल में फंस गया और तीन साल बाद फिर बंद हो गया। 2010 में, तत्कालीन मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा ने इसे राज्य-संचालित मायशुगर फैक्टरी को सौंप दिया और कारखाने के पुनरुद्धार के लिए 50 करोड़ रुपये के विशेष अनुदान की घोषणा की। लेकिन फैक्टरी को फिर भारी नुकसान हुआ, जिसके बाद तीन साल बाद इसे फिर से बंद कर दिया गया।
2014 में, पांडावपुरा चीनी मिल सहकारी क्षेत्र में लौट आया, लेकिन यह फिर से कर्ज में डूब गया और बाद में 2017 में तीन साल बाद बंद कर दिया गया। इसके बाद जनवरी, 2019 में शेयर धारकों की बैठक में, कारखाने का निजीकरण करने का फैसला लिया गया और बाद में सरकार ने कारखाने को लीज पर चलाने के लिए निविदाएं आमंत्रित कीं। सभी निविदाएं 5 जून, 2020 को मंड्या डीसी डॉ. एम.वी.वेंकटेश की उपस्थिति में खोली गईं, जिसमे निरानी शुगर्स ने पांडावपुरा शुगर फैक्ट्री लीज टेंडर जीता। इस मिल को निराणी शुगर्स कंपनी को 40 वर्षों के लंबे अंतराल तक लीज पर सौंपा गया है।
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