नई दिल्ली: केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग तथा सूक्ष्म, लघु एवं मझौले उद्यम मंत्री श्री नितिन गडकरी ने मीडिया के एक वर्ग में जारी ऐसी खबरों का जोरदार खण्डन किया है, जिनमें उनका मिथ्या रूप से हवाला देते हुए एमएसपी में कमी किए जाने की संभावना की बात कही गई है। श्री गडकरी ने कहा कि ऐसी खबरें मिथ्या ही नहीं, बल्कि दुर्भावनापूर्ण भी हैं। इस मामलें में वक्तव्य देते हुए श्री गडकरी ने कहा कि वह सदैव किसानों की धान/चावल, गेहूं, गन्ने जैसी फसलों के वैकल्पिक उपयोगों के जरिए उनकी आमदनी बढ़ाने के विविध मार्ग और साधन तलाशने के पक्षधर और हिमायती रहे हैं। उन्होंने यहां तक दावा किया कि जब एमएसपी में वृद्धि की घोषणा की गई थी, तो वह उस मौके पर मौजूद थे, ऐसे में उनके द्वारा एमएसपी में कमी करने का पक्ष लेने का प्रश्न ही नहीं उठता।
उन्होंने कहा कि किसानों को बेहतर आमदनी उपलब्ध कराना हमेशा से भारत सरकार की प्राथमिकता रही है और इसी भावना के साथ एमएसपी में वृद्धि की गई है। उन्होंने किसानों को बेहतर मूल्य उपलब्ध कराने के लिए फसलों की परिपाटी में परिवर्तन की संभावनाएं तलाशने की जरूरत पर बल दिया। उदाहरण के तौर पर खाद्य तिलहन उगाने की बेहतर संभावनाएं मौजूद हैं, क्योंकि भारत उनके आयात पर लगभग 90,000 करोड़ रुपये की राशि खर्च करता है। इसी तरह,चावल/धान/गेहूं/मक्का से एथेनॉल का उत्पादन न सिर्फ उनको बेहतर मुनाफा दिलाएगा, बल्कि आयात बिल में बचत करने में भी मददगार होगा। श्री गडकरी ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि इसके अलावा, जैव ईंधन पर्यावरण के भी ज्यादा अनुकूल होते हैं।
(Source: PIB)
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