नई दिल्ली: राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के दौरान चीनी की मांग में गिरावट के बाद, अब चीनी उद्योग पर अनलॉकिंग का पॉजिटिव इफेक्ट दीखता हुआ नजर आ रहा है। रेस्तरां, कोल्ड ड्रिंक, आइसक्रीम और अन्य निर्माताओं से मांग में वृद्धि के कारण भारत में चीनी की खपत धीरे धीरे पटरी पर लौट रही है। यह अपने पाइपलाइन इन्वेंटरी को भरने में जुट चुके है ताकि वे अपने दैनिक उपभोग को पूरा कर सके।
चीनी की मांग में वृद्धि मिलों के लिए थोड़ी राहत जरूर साबित हुई है, जो किसानों को गन्ने का भुगतान करने के लिए संघर्ष कर रहे है। आपको बता दे होटल, रेस्तरां और कैटरिंग उद्योग भारत की कुल चीनी खपत में एक अच्छा योगदान करते हैं।
भारतीय शुगर मिल्स एसोसिएशन (ISMA) ने कहा की, लॉकडाउन के नियमों में ढील के साथ, चीनी की मांग मई की शुरुआत से ही उठने लगी है। अब जब देश अनलॉकिंग चरण में प्रवेश कर रहा है, और रेस्तरां और मॉल को भी खोलने की अनुमति दी जा रही है, तो चीनी की मांग में और वृद्धि होगी और मिलें जून में आवंटित संपूर्ण मात्रा को बेच सकेंगी।
उत्तर भारत की चीनी मिलों ने मई के लिए दिए गए अपने मासिक कोटा के अनुसार चीनी बेची, लेकिन पश्चिम और दक्षिण भारत की चीनी मिलें चीनी बिक्री में असफल रही है। जिसके चलते सरकार ने मई कोटा का बिक्री समय बढ़ाया है और जून 2020 के लिए 18.5 लाख टन मासिक कोटा जारी किया है।
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