नई दिल्ली : चीनी मंडी
पर्याप्त स्टॉक और त्यौहार के मौसम का आगाज होने के बावजूद खराब मांग के बीच चीनी बाजार झुलस रहा हैं। स्टाकिस्ट और थोक उपभोक्ताओं द्वारा कम मांग के चलते इस हफ़्ते चीनी कीमतें प्रति क्विंटल 50-80 रुपये तक गिर गई हैं। महाराष्ट्र में अब चीनी की एक्स-मिल कीमत भी एमएसपी को छूने के कगार पर है।
बाजार के जानकारों ने कहा की, पर्याप्त स्टॉक के अलावा बडे व्यापारी, स्टाकिस्ट और थोक उपभोक्ताओं से मांग घटने से कीमतों में कमी आई है। इसके साथ ही वैश्विक बाजार में कमजोर रुझानों ने किमतों पर नकारात्मक प्रभाव डाला है। चीनी उद्योग उम्मीद कर रहा है कि, मंदी की मार से निपटने के लिए सरकारद्वारा एमएसपी में वृद्धि और कम से कम 50-60 लाख मेट्रीक टन चीनी निर्यात की ओर सही कदम उठाएंगे, ताकि चीनी उद्योग आर्थीक संकट से उभर सके।
चीनी लगातर गिरने वाली कीमतों के कारण देशभर में चीनी मिलें दुविधा में है। 2018 का गन्ना सीजन कुछ ही दिनों में शुरू होनेवाला है, लेकिन किसानों का पिछले सिजन का गन्ना भुगतान अभी बकाया है और मिलें मदद के लिए सरकार की तरफ नजरे बिछा के बैठे है। सरकारद्वारा चीनी के लिए सब्सिडी में वृद्धि होगी और जिसके परिणामस्वरूप निर्यात को बढावा मिलेगा। इस साल बम्पर उत्पादन और निर्यात घटने से आगामी सीजन में चीनी मिलों के सामने भंडारण की समस्या आने की संभावना तेज हुई है। अगर इसके आगे भी यही स्थिती बनी रहती है, तो सितंबर महीने में मिलों को निर्यात के लिए किया गया आवंटीत कोटा बेचने में कठिनाइयां आ सकती है ।