मेरठ: गन्ना भुगतान का मुद्दा उत्तर प्रदेश में गरमाया हुआ है। गन्ना किसान का कहना है की वे आर्थिक तंगी से जूझ रहे है। जनपद की चार चीनी मिलों ने बुधवार को 64.40 करोड़ का गन्ना भुगतान किया है। जिससे किसानों को कुछ हदतक राहत मिली है, लेकिन अभी भी किसानों का एक बड़ा तबका गन्ना बकाया भुगतान से काफी परेशान है। गन्ना विभाग बकाया भुगतान को लेकर मिलों पर दबाव बना रहा है, नतीजन कुछ मिलें भुगतान के लिए आगे आ रही है।
जिला गन्ना अधिकारी डा. दुष्यंत कुमार ने बताया कि बुधवार को मवाना चीनी मिल ने 31.75 करोड़, नंगलामल ने 25.25 करोड़, सकौती ने 4.35 करोड़ व किनौनी मिल ने 3.05 करोड़ का गन्ना भुगतान किया है। सभी एडवाइज गन्ना समितियों द्वारा संबंधित बैंकों को भेजी जा रही है। जिससे शीघ्र ही गन्ना किसानों के खाते में भुगतान को स्थानांतरित कर दिया जाए।
राज्य सरकार का कहना है की वे गन्ना बकाया भुगतान को लेकर काफी गंभीर है, जिसके कारण राज्य के कई मिलों द्वारा भुगतान भी किया जा रहा है। चीनी मिलों का कहना है की वे कोरोना संकट के कारण परेशान है। कोरोना के कारण चीनी बिक्री ठप है, जिसके चलते वे राजस्व की समस्या से जूझ रहे है और गन्ना बाकय भी चुकाने में विफल हुए है।
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लेकिन बजाज हिंदुस्तान शुगर लिमिटिड चीनी मिल ने कोई भी एडवाइस नही भेजी दिसंबर से पूरा का पूरा पेमेंट रुका हुआ है ।