यदि सरकार जल्द से जल्द सब्सिडी देती है, तो चीनी मिलें निर्यात के लिए आगे आएगी: इस्मा

नई दिल्ली : चीनी मंडी

केंद्र सरकार ने पिछले सप्ताह पेट्रोल में सम्मिश्रण के लिए गन्ने के रस से सीधे उत्पादन इथेनॉल की कीमत में 25 प्रतिशत से अधिक वृद्धि को मंजूरी दे दी। इसके बाद पिछले कुछ सत्रों में शेअर बाजार में चीनी शेयरों  में उछाल देखने को मिला।

सरकारी सब्सिडी  के बारे में वर्मा ने कहा की , यदि आप ‘इस्मा’  से पूछते हैं, तो हमें लगता है की, सब्सिडी का फैसला  इसे महीने में ही होना चाहिए था। हमे लगता हैं कि, सरकार द्वारा इसमें  थोड़ी  देरी हुई क्योंकि  अगर सब्सिडी का फैसला अगस्त में ही होता तो हम चीनी निर्यात में कुछ ठोस कदम उठा सकते थे और तो और निर्यात हेतु हम चीनी मिलों को कच्ची चीनी बनाने के लिए वक़्त पर आदेश दे  सकते थे ।  सरकार को सब्सिडी के बारे में इसे यथासंभव तेज़ी से  फैसला लेना चाहिए ।

सब्सिडी लाभ पर विस्तार से चर्चा करते वर्मा ने कहा, “मैंने कही अखबार में पढ़ा है  कि  सरकार हमें गन्ने पर उत्पादन सब्सिडी दे रही है, इसका मतलब है की,  सरकार  एफआरपी (निष्पक्ष और लाभकारी मूल्य) चुकाने के लिए कुछ मददगार साबित होगी, जो हमारे बोझ को उस हद तक कम कर देगा। अगर यह फैसला किया जाता है तो जाहिर है कि चीनी मिलों का  नुकसान नीचे आता  हैं। दूसरी बात, पहली बार मैं कुछ खबर देख रहा हूं कि,   सरकार हमें चीनी निर्यात के लिए मिलों से बंदरगाह तक  आंतरिक परिवहन शुल्क और हैंडलिंग शुल्क देगी। यदि दोनों बाटन पर अंमल होता है, तो  चीनी मिलों का घटा कम होगा और मिलें खुदबखुद  निर्यात करने के लिए आगे आ जाएगी।

SOURCEChiniMandi

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