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चंडीगढ़, 9 मार्च: गन्ना किसानों को 25 रुपए प्रति क्विंटल सब्सिडी मुहैया कराने को कार्योत्तर स्वीकृति पंजाब सरकार ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता में हाल ही में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में राज्य सरकार ने गन्ना उत्पादकों और निजी चीनी मीलों को राहत प्रदान करते हुये 25 रुपए प्रति क्विंटल की दर से सब्सिडी मुहैया कराने को कार्योत्तर स्वीकृति प्रदान की जो सीधे तौर पर गन्ना उत्पादकों (किसानों) के खातों में जायेगी। कुल 310 रुपए प्रति क्विंटल राज्य अनुमोदित मूल्य(एस.ए.पी.) में से शेष 285 रुपए प्रति क्विंटल की राशि निजी चीनी मीलों द्वारा पिराई सीजन 2018 -19 के लिए अदा की जाएगी। इसका उद्देश्य पिराई सीजन 2018-19 के लिए किसानों को गन्नों का समय पर भुगतान और मिलों की आर्थिक व्यवहार्यता सुनिश्चित करना है।
गौरतलब है कि पिराई सीजन 2018-19 के लिए सरकार ने चीनी मिलों को 15 नवम्बर, 2018 से चलाने के लिए फ़ैसला किया था। इस पर सहकारी चीनी मिलों ने तो पिराई शुरू कर दी लेकिन निजी क्षेत्र की किसी चीनी मिल ने पिराई प्रक्रिया शुरू नहीं की। इन मिलों के मालिक गन्ना खरीद केंद्र सरकार के निर्धारित मूल्य 275 रुपए प्रति क्विंटल के अनुसार करना चाहते थे। जबकि राज्य सरकार ने एक अधिसूचना जारी कर एस.ए.पी. के आधार पर अगेती, मध्यम और पछेती किस्म के लिए क्रमवार 310 रुपए, 300 रुपए और 295 रुपए प्रति क्विंटल भाव निर्धारित किया था। निजी चीनी मिलों के इस रूख के कारण गन्ना उत्पादकों में रोष था जो राज्यभर में धरने पर बैठ गये थे।
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