कोल्हापुर (महाराष्ट्र): उत्तर प्रदेश के तरह महाराष्ट्र में भी कई चीनी मिलों द्वारा गन्ना बकाया नहीं चुकाया गया है। जिससे किसानों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वर्तमान सीजन के दौरान राज्य में 143 मिलों ने पेराई सत्र में हिस्सा लिया था।
पिछले पेराई सत्र में जब चीनी मिले गन्ना भुगतान में विफल रही थी तो उन्हें गन्ना बकाया चुकाने के लिए नोटिस भेजे गए थे।
महाराष्ट्र के पश्चिमी इलाके में तेज बाढ़ और मराठवाडा में सूखे के कारण गन्ना फसल क्षतिग्रस्त हुई थी, और तो और मराठवाडा में सूखे के कारण काफी सारे गन्ने का इस्तेमाल पशु शिविरों में चारे के रूप में किया गया, जिसका सीधा असर राज्य के कई चीनी मिलों के पेराई पर दिखाई दे रहा है। जिससे इस सीजन में चीनी मिलें आर्थिक कठिनाइयो का भी सामना कर रही है।
टाइम्स ऑफ़ इंडिया में प्रकाशित खबर के मुताबिक चीनी आयुक्त सौरभ राव ने कहा की एफआरपी के अनुसार भुगतान नहीं करने पर चीनी मिलों को नोटिस दी जायेगी। ज्यादातर मिलें एफआरपी के अनुसार भुगतान करने की प्रक्रिया में हैं। अगर हमें कोई शिकायत मिलती है तो हम कार्रवाई करेंगे।
बता दें कि नियमानुसार गन्ना खरीदी के 15 दिनों के भीतर चीनी मिलों को एफआरपी के हिसाब से किसानों को भुगतान करना जरूरी है।
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