औरंगाबाद : चीनी मंडी
मुंबई उच्च न्यायालय की औरंगाबाद पीठ के न्यायाधीश. टी. व्ही. नलवडे और न्यायाधीश. एस. एम. गव्हाने ने कहा कि, गन्ना नियंत्रण आदेश के तहत किसानों को गन्ने की फसल के भुगतान में देरी और उस भुगतान पर ब्याज नही देनेवाली मिलों के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज होना चाहिए। माजलगाँव तालुका में मौजे तालखेड़ (जिला बीड) के किसान पवन रामकिसन चांडक का गन्ना जय महेश शुगर लिमिटेड (पवारवाड़ी) द्वारा पेराई के लिए फरवरी और मार्च में लिया गया था। गन्ना नियंत्रण आदेश 1966 के अनुसार, गन्ना फसल को ले जाने के बाद किसानों को मिलों द्वारा 14 दिनों के भीतर भुगतान करना होगा। यदि गन्ना मिल 14 दिनों के भीतर गन्ने की फसल का भुगतान करने में विफ़ल रही और पुनर्भुगतान में देरी हो रही है, तो किसान कुल बकाया के साथ साथ 15 प्रतिशत ब्याज दर का हकदार है।
किसान पवन चांडक का गन्ना पेराई के लिए ले जाने के बाद 14 दिनों के भीतर उनका भुगतान करने में जय महेश शुगर लिमिटेड नाकाम रही, इसीलिए उन्होंने कोर्ट में याचिका दायर की और कोर्ट से कहा था कि, वे गन्ना नियंत्रण आदेश 1966 के तहत भुगतान न करने में नाकाम रहने के कारण मिल के अध्यक्ष, निदेशक मंडल और प्रबंधक के खिलाफ मामला दर्ज करें। पीठ ने कहा कि, गन्ना नियंत्रण आदेश के मिल के उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ मामला दर्ज करना उचित है।
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