शेट्टी ने मांग की कि चीनी कमीशनर को प्रत्येक मिल से हलफनामा लेना चाहिए जिसने हर किसान को उचित और लाभकारी मूल्य (एफआरपी) देय राशि का भुगतान किया है….
मुंबई : चीनी मंडी
स्वाभिमानी शेतकरी संघटन (एसएसएस) के नेता सांसद राजू शेट्टी ने लंबित निष्पक्ष और लाभकारी मूल्य (एफआरपी) न चुकानेवाली चीनी मिलों के खिलाफ आन्दोलन छेड़ दिया है। इस आन्दोलन के जवाब में चीनी आयुक्त संभाजी कडू – पाटिल ने भैरवनाथ चीनी मिल लिमिटेड का क्रशिंग लाइसेंस निलंबित कर दिया और अन्य मिलों में एक प्रारंभिक जांच का आदेश दिया है ।
सोमवार को ‘एसएसएस’ के कार्यकर्ताओं के साथ शेट्टी ने कडू- पाटिल से संपर्क किया और महाराष्ट्र में 20 चीनी मिलों के बारे में उन्हें सूचित किया, जिन्होंने इस वर्ष के लिए क्रशिंग लाइसेंस के लिए आवेदन करते समय चीनी कमीशन को गलत जानकारी जमा की है। शेट्टी ने इन मिलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।
शेट्टी ने कहा, उच्च न्यायालय दिशानिर्देश के अनुसार, एफआरपी लंबित कारखानों को क्रशिंग लाइसेंस के लिए पात्र नहीं हैं। 20 मिलों ने चीनी कमीशनर को एफआरपी के बारे में झूठी जानकारी जमा करके क्रशिंग लाइसेंस को प्राप्त किया है। शेट्टी ने मांग की कि कमीशनर को एफएफपी देय राशि का भुगतान करने वाले हर कारखाने से हलफनामा लेना चाहिए। शेट्टी ने कहा, “कई चीनी मिलें ऐसी हैं जो लाइसेंस के बिना काम कर रही हैं। चूंकि कमीशनर के पास इसे ट्रैक करने के लिए मशीनरी नहीं है, इसलिए उन्हें उन चीनी मिलों की सूची साझा करनी चाहिए ।
कडू- पाटिल ने कहा, अभी तक हमने लंबित एफआरपी के आधार पर उस्मानाबाद जिले में भैरवनाथ चीनी मिल के क्रशिंग लाइसेंस को निलंबित कर दिया है और हमने शेष गन्ना कारखानों में भी एक जांच शुरू की है। हर एक चीनी मिल को उच्च न्यायालय द्वारा दिशानिर्देशों का पालन करना चाहिए।