पुणे: प्रदेश की 182 मिलों ने कुल 9,148 करोड़ एफआरपी में से 7,115 करोड़ का भुगतान किया है। स्वाभिमानी शेतकरी संगठन (SSS) ने मांग की है कि, राज्य सरकार को उन चीनी मिलों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए जो किसानों को उचित और पारिश्रमिक मूल्य (FRP) का भुगतान करने में विफल रही हैं।
स्वाभिमानी शेतकरी संघठन ने राज्य चीनी आयुक्त शेखर गायकवाड को एक ज्ञापन सौंपा। संगठन ने कहा कि,कई चीनी मिलों ने एकमुश्त एफआरपी का भुगतान करने का वादा किया है और यह राशि किश्तों में दे रही है, जबकि कई मिलों ने किसानों को कोई भी एफआरपी नहीं दी है। गन्ना (नियंत्रण) आदेश, 1966 आपूर्ति के 14 दिनों के भीतर गन्ने के मूल्य के भुगतान को निर्धारित करता है, जिसमें विफल होने पर देय पर 15 प्रतिशत वार्षिक ब्याज देय होता है।
चीनी आयुक्त गायकवाड ने किसानों के नेताओं को आश्वासन दिया है कि, वह उन मिलों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे जो समय पर एफआरपी का भुगतान करने में विफल रहे हैं।