बागपत (उत्तर प्रदेश): जिला प्रशासन ने यहां के किसानों को रिजेक्ट प्रजाति के गन्ने की खेती न करने की सलाह देते हुए कहा है कि इससे किसानों के साथ-साथ चीनी मिलों को भी नुकसान उठाना पड़ता है।
जिला गन्ना अधिकारी अनिल कुमार ने किसानों से कहा कि वे गन्ना बुआई करने से पहले कृषि वैज्ञानिकों और गन्ना विभाग से सलाह लिया करें। विभाग के सर्वे में कई खेतों में रिजेक्ट प्रजाति का गन्ना मिलता है। तौल लिपिक इस तरह के गन्ने की तौल नहीं करते और चीनी मिलें भी इंडेंट जारी नहीं करतीं। इससे सबसे बड़ा नुकसान किसानों को होता है तथा बाद में चीनी मिल और विभाग के लिए भी यह बड़ी मुसीबत बन जाता है। उन्होंने कहा कि किसानों को अधिक लाभ प्राप्त करना है तो वे रिजेक्ट प्रजाति के गन्ने की खेती न करें।
डीसीओ ने बताया कि किसान जल्द ही गन्ने की अगेती किस्मों की बुआई शुरू करेंगे। बुआई से पहले जिले के गन्ना किसानों में जागरूकता अभियान चलाकर बताया जाएगा कि किन-किन किस्मों के गन्ने की खेती करना किसानों और चीनी मिलों के लिए फायदेमंद रहेगा।
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