अधिकतम उपज के लिए 15 नवंबर तक गेहूं की बुवाई करने की सलाह

चंडीगढ़ : जनवरी में तापमान में अचानक वृद्धि और भारी बारिश के कारण इस साल की शुरुआत में गेहूं की पैदावार में गिरावट आई, और इसलिए पंजाब कृषि विश्वविद्यालय ने किसानों को नवंबर के मध्य तक गेहूं की फसल की बुवाई का सुझाव दिया है। पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (पीएयू) के कुलपति डॉ सतबीर सिंह गोसल ने किसानों को 15 नवंबर तक गेहूं की फसल बोने के लिए कहा क्योंकि इससे गेहूं की पैदावार जादा होती है।गेहूं पंजाब की एक महत्वपूर्ण रबी फसल है और इसकी खेती लगभग 35 हजार हेक्टेयर में की जाती है।

गोसल ने बताया कि, गत वर्ष मार्च में अचानक न्यूनतम तापमान 2.1 से 6.6 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान में 2.6 से 6.0 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि गेहूं की फसल के लिए प्रतिकूल हो गई। उन्होंने कहा कि, इस तापमान ने फसल को जल्दी पकने के लिए मजबूर कर दिया, जिससे अनाज सिकुड़ गया और लगभग 10% की उपज का नुकसान हुआ। PBW 826, PBW 824, PBW 766 (सुनेहरी) और PBW 725 जैसी गेहूं की किस्में जलवायु-लचीली किस्में है।प्रधान कृषि विज्ञानी (गेहूं) डॉ हरि राम ने बताया कि नवंबर का पहला पखवाड़ा गेहूं की फसल के लिए इष्टतम बुवाई का समय था। प्रायोगिक परिणामों से पता चला है कि 15 नवंबर के बाद गेहूं की बुवाई में देरी से प्रति सप्ताह 1.5 क्विंटल प्रति एकड़ अनाज की उपज में कमी आई है।

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