‘FRP’ के बाद अब चीनी ‘MSP’ बढ़ाने की मांग

नई दिल्ली : केंद्र सरकार द्वारा 28 जून 2023 को गन्ना FRP बढ़ाने का फैसला लिया गया। सरकार के इस फैसले से करोड़ों किसान लाभान्वित होंगे। FRP बढ़ोतरी के बाद अब देश का चीनी उद्योग चीनी के न्यूनतम बिक्री मूल्य (MSP) में बढ़ोतरी करने को लेकर सरकार के फैसले की राह देख रहा है।

केंद्र सरकार ने MSP में आखिरी बार बढ़ोतरी 2019 में की थी, उस समय चीनी का बिक्री मूल्य 3100 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया था। सरकार द्वारा तब से आज तक MSP नहीं बढ़ाई गई। 2019 में FRP 2750 रुपये प्रति टन थी, और तब से अब तक FRP को चार बार बढ़ाया जा चुका है। 2023-24 का FRP 3150 रुपये प्रति टन तक पहुंच गया है, लेकिन चीनी का MSP 3100 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर है।

समरजीतसिंह राजे घाटगे, सहकारिता नेता और शाहू उद्योग समूह के मार्गदर्शक, ने चीनीमंडी से बातचीत में सरकार द्वारा FRP बढ़ाने के फैसले का स्वागत किया और साथ ही चीनी MSP बढ़ाने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा की, FRP बढ़ाने का केंद्र सरकार का फैसला स्वागत योग्य है। सरकार के इस फैसले से देश के करोड़ों गन्ना किसानों को फायदा होगा। अब सरकार द्वारा MSP में बढ़ोतरी को लेकर फैसला लेना जरूरी है। 2019 के बाद MSP में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है, इसलिए अब MSP को कम से कम 400 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाने की जरूरत है। यदि MSP बढ़ाया जाता है, तो आर्थिक समस्याओं का सामना करने वाली चीनी मिलों को वित्तीय राहत मिल सकती है।

FRP और MSP के बीच असमानता ने चीनी मिल मिलर्स के बीच बेचैनी पैदा कर दी है। FRP और अन्य लागत तत्वों में वृद्धि के कारण चीनी की उत्पादन बढ़ गया है, और इस कारण चीनी उद्योग वित्तीय रूप से संघर्ष कर रहा है। चीनी मिलर्स केंद्र सरकार से FRP के अनुरूप चीनी MSP बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। मिलर्स दावा कर रहे है की, FRP के अनुरूप MSP बढ़ाने से किसानों को उनके गन्ने का उचित मूल्य मिलेगा और चीनी उद्योग को वित्तीय रूप से व्यवहार्य बने रहने में मदद मिलेगी। MSP और FRP को संतुलित करने और किसानों और चीनी मिलर्स दोनों के हितों की रक्षा के लिए सरकारी हस्तक्षेप की मांग कर रहे हैं।

हाल ही में, इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (ISMA) ने सरकार से गन्ने के FRP के अनुरूप चीनी के MSP को मौजूदा 31 रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर से बढ़ाकर 38 रुपये प्रति किलोग्राम करने का आग्रह किया था। खाद्य मंत्रालय को भेजे पत्र में ISMA के अध्यक्ष आदित्य झुनझुनवाला ने कहा था कि, FRP में काफी बढ़ोतरी के बावजूद 2018-19 से MSP में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है। उन्होंने आगे कहा, हमने पहले सूचित किया था कि चीनी उत्पादन की लागत 36 रुपये प्रति किलोग्राम थी और अब FRP और अन्य लागत तत्वों में वृद्धि के कारण यह बढ़कर 38 प्रति किलोग्राम रुपये हो गई है।

 

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