पुणे : सकाळ में प्रकाशित खबर के मुताबिक, चीनी आयुक्त द्वारा एफआरपी भुगतान में विफल मिलों के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने के बाद राज्य की 43 मिलों में से 21 मिलों ने किसानों के बैंक खातों में करीब 90 करोड़ रुपये जमा करा दिए है। हालांकि, एफआरपी भुगतान में विफल 22 मिलों को अभी तक पेराई का लाइसेंस नहीं मिला है। राज्य में इस साल 15 अक्टूबर से पेराई सीजन शुरू हो गया है।
चीनी आयुक्त शेखर गायकवाड ने एफआरपी भुगतान में देरी करने वाले मिलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू की, और शत प्रतिशत एफआरपी भुगतान में विफल मिलों को पेराई लाइसेंस नही देने का फैसला किया है। नतीजन 21 मिलों ने किसानों के खातों में 90 करोड़ रुपये एफआरपी का भुगतान किया, अब इन मिलों को पेराई लाइसेंस दिया गया है। बाकी 22 मिलों पर अब भी एफआरपी बकाया है।