नई दिल्ली : कृषि एवं किसान कल्याण विभाग (DA&FW) के सचिव डॉ. देवेश चतुर्वेदी ने आज कृषि भवन में एस्टोनिया की क्षेत्रीय मामलों और कृषि मंत्री सुश्री पिरेट हार्टमैन के साथ द्विपक्षीय बैठक की। बैठक में भारत और एस्टोनिया के बीच कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किया गया। एस्टोनियाई मंत्री का स्वागत करते हुए डॉ. चतुर्वेदी ने कृषि क्षेत्र में भारत सरकार की प्रमुख प्राथमिकताओं को रेखांकित किया। इनमें खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना, किसानों को सेवा वितरण बढ़ाने के लिए डिजिटल बुनियादी ढांचे के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाना, किसानों की आय बढ़ाने के लिए फसल विविधीकरण को बढ़ावा देना और बागवानी उत्पादों में मूल्य संवर्धन को बढ़ावा देना शामिल है। उन्होंने जलवायु-अनुकूल और जैविक खेती के साथ-साथ कृषि निर्यात के विस्तार के महत्व पर भी जोर दिया।
सचिव डॉ. चतुर्वेदी ने देश के कृषि परिदृश्य में छोटे किसानों की महत्वपूर्ण भूमिका को पहचानते हुए, छोटे किसानों को समर्थन देने के लिए भारत की रणनीतियों पर विस्तार से बताया। उन्होंने किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ), अनुबंध खेती, फसल विविधीकरण और पशुधन, मत्स्य पालन और अन्य कृषि क्षेत्रों में विविधीकरण जैसी पहलों पर चर्चा की। डॉ. चतुर्वेदी ने जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने के लिए सरकार की नीतियों को भी रेखांकित किया, जिसमें बेहतर बीजों को बढ़ावा देना, जल-उपयोग दक्षता, टिकाऊ मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन और पारंपरिक प्राकृतिक कृषि पद्धतियों का उपयोग शामिल है। उन्होंने कैच द रेन जैसी पहलों और जलाशयों और तालाबों के रखरखाव सहित बेहतर सिंचाई समाधानों के माध्यम से सिंचाई के लिए सतही जल की भूमिका पर जोर दिया।
सुश्री हार्टमैन ने जैविक खेती, खाद्य सुरक्षा और टिकाऊ कृषि पद्धतियों में एस्टोनिया की उल्लेखनीय उपलब्धियों को भी साझा किया।उन्होंने जल अनुकूलन और सटीक कृषि में नवाचारों सहित आईटी-संचालित कृषि समाधानों में देश की विशेषज्ञता पर प्रकाश डाला। सुश्री हार्टमैन ने खाद्य प्रसंस्करण, कृषि उत्पादों में मूल्य संवर्धन और कृषि उत्पादकता बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी-संचालित समाधानों के अनुप्रयोग पर भारत के साथ सहयोग करने में भी रुचि व्यक्त की। इसके अलावा, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय (MoFPI) के अतिरिक्त सचिव श्री मिन्हाज आलम ने भारत के खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में सहयोग के महत्वपूर्ण अवसरों पर प्रकाश डाला, जबकि कृषि और किसान कल्याण विभाग में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के संयुक्त सचिव अजीत कुमार साहू ने दोनों देशों के बीच कृषि-तकनीक स्टार्ट-अप पारिस्थितिकी तंत्र में पारस्परिक रूप से लाभकारी साझेदारी की संभावना को रेखांकित किया।
दोनों पक्षों ने कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में टिकाऊ कृषि प्रथाओं, प्रौद्योगिकी विनिमय और क्षमता निर्माण पहलों पर जोर देने के साथ संस्थागत तंत्र के माध्यम से सहयोग के अवसरों की खोज में गहरी रुचि व्यक्त की। बैठक में दोनों पक्षों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया, जिनमें श्री मिन्हाज आलम, अतिरिक्त सचिव (MoFPI), श्री अजीत कुमार साहू, कृषि और किसान कल्याण विभाग में संयुक्त सचिव (IC) और विदेश मंत्रालय (MEA) के प्रतिनिधि शामिल थे। एस्टोनियाई प्रतिनिधिमंडल में भारत में एस्टोनिया की राजदूत सुश्री मार्जे लूप, काउंसलर सुश्री मारिका सार और मिशन के उप प्रमुख श्री मार्गस सोलनसन शामिल थे। यह द्विपक्षीय भागीदारी भारत और एस्टोनिया के बीच कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में घनिष्ठ संबंधों और सहयोग को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।