राहुरी: सकाळ में प्रकाशित खबर के मुताबिक, तनपुरे सहकारी चीनी मिल के मजदूरों ने मंगलवार को बकाया वेतन के लिए आंदोलन करने का फैसला लिया। मजदूरों ने चेतावनी दी कि, यदि मिल प्रबंधन ने मांगों को स्वीकार नहीं किया तो वे अदालती लड़ाई और भूख हड़ताल के माध्यम से सड़कों पर उतरेंगे। हाल ही में मिल के निदेशक मंडल ने सूचित किया कि, वे इस वर्ष मिल शुरू करने में असमर्थ हैं, उसके बाद लेनदार जिला बैंक ने मिल के प्रवेश द्वार को बंद कर दिया और संपत्ति को जब्त कर लिया। जिससे मजदूरों की रोजी-रोटी छिन गई। जिला बैंक ने 111 करोड़ के कर्ज के लिए मिल को सील किया।
आंदोलन का निर्णय श्रमिक संघ के अध्यक्ष गजानन निमसे की अध्यक्षता में श्रमिकों की चिंतन बैठक में लिया गया। मजदूर नेता इंद्रभान पेरने, अर्जुन दुशिंग, सचिन काले, सुरेश थोरात, चंद्रकांत कराले, सीताराम नालकर ने स्थायी, सेवानिवृत्त, वेतन उपस्थिति और एकत्रित मजदूरी पर फैक्ट्री के श्रमिकों के साथ किए गए अन्याय के बारे में अपनी बात रखी।