कोल्हापुर : चीनी मंडी
महाराष्ट्र और कर्नाटक सीमावर्ती इलाकों के किसानों की नजरें 23 नवंबर को होनेवाली स्वाभिमानी शेतकरी संघठन की 18 वां गन्ना परिषद पर टिकी है। चीनी आयुक्त कार्यालय ने राज्य में गन्ना पेराई सत्र शुरू करने के लिए 25 नवंबर की तारीख की सिफारिश की है। राज्य में अब तक, 89 चीनी मिलों को पेराई शुरू करने के लिए लाइसेंस जारी किए गए हैं, जबकि 72 लाइसेंस पाइपलाइन में हैं। सूखे और बाढ़ के कारण गन्ना किसानों को काफी नुकसान हुआ है, इसलिए स्वाभिमानी शेतकरी संघठन की तरफ से गन्ना दर में बदलाव की मांग है।
केंद्र सरकार ने पिछले साल की एफआरपी दरों में कोई भी बदलाव नही किया है। इस साल भारी बारिश के कारण गन्ना फसल को काफी नुकसान हुआ है, जिसके चलते गन्ना उत्पादन घटने का अनुमान लगाया जा रहा है। गन्ना किसानों को पहले ही काफी नुकसान उठाना पड़ा है, इसलिए संघठन इस साल मिलर्स से दर के लिए ज्यादा खींचतान करने की संभावना काफी कम है। दूसरी ओर लोकसभा और विधानसभा चुनाव में करारी हार के कारण स्वाभिमानी शेतकरी संघठन के कार्यकर्ताओं मनोबल काफी गिर गया है, इस गन्ना परिषद के माद्यम से संघठन में जान फूंकने की बड़ी जिम्मेदारी संघठन के प्रमुख और पूर्व सांसद राजू शेट्टी पर है।
कोल्हापुर में, स्वाभिमानी शेतकारी संघठन ने डी. वाय. पाटिल सहकारी चीनी मिल के गन्ने की कटाई शुरू करने के फैसले के खिलाफ विरोध किया है। गन्ना परिषद पर चीनी मिलों, गन्ना किसान और साथ ही साथ चीनी उद्योग की नजरे टिकी हुई है।
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