महाराष्ट्र में सोलापुर और कोल्हापुर विभागों की सभी मिलों ने पेराई किया बंद; राज्य में कुल 172 मिलें बंद

महाराष्ट्र में, 2024-25 सत्र में भाग लेने वाली 200 मिलों में से केवल 28 चीनी मिलों में ही वर्तमान में गन्ना पेराई चल रही है। कोल्हापुर और सोलापुर विभागों की सभी मिलों ने अपना पेराई कार्य बंद कर दिया है।

चीनी आयुक्तालय की रिपोर्ट के अनुसार, 18 मार्च तक महाराष्ट्र में कुल 172 चीनी मिलों ने अपना काम बंद कर दिया है। इसमें सोलापुर में 45 मिलें, कोल्हापुर में 40 मिलें, पुणे में 24 मिलें, नांदेड़ में 24 मिलें, छत्रपति संभाजीनगर में 18 मिलें, अहिल्यानगर में 20 मिलें और अमरावती क्षेत्र में 1 मिल शामिल हैं। पिछले सीजन की समान अवधि के दौरान राज्य में 103 मिलें बंद हुई थीं।

महाराष्ट्र में 2024-25 सीजन के लिए चीनी उत्पादन 791.15 लाख क्विंटल (करीब 79.11 लाख टन) तक पहुंच गया है, जो पिछले सीजन की इसी अवधि के दौरान उत्पादित 1046.85 लाख क्विंटल से कम है। 18 मार्च तक, राज्य भर की मिलों ने 837.31 लाख टन गन्ने की पेराई की है, जबकि पिछले सीजन की इसी अवधि के दौरान 1029.98 लाख टन पेराई हुई थी। राज्य की कुल चीनी रिकवरी दर 9.45% है, जो पिछले सीजन में इस समय हासिल की गई 10.16% दर से कम है।

उद्योग विशेषज्ञों का कहना है कि कम पैदावार और बढ़ी हुई पेराई क्षमता के कारण मिलों ने इस सीजन में समय से पहले ही परिचालन बंद कर दिया है।

पेराई सत्र की शुरुआत में देरी, एथेनॉल उत्पादन के लिए शुगर डाइवर्जन और उपज में कमी के कारण राज्य में चीनी का उत्पादन पिछले सत्र की तुलना में कम रहा है।

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