प्रधानमंत्री की परिकल्पना के अनुरूप और अक्तूबर 2021 में शुरू किए गए ‘प्रधानमंत्री गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान (एनएमपी)’ के अंतर्गत सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय समेत 16 मंत्रालयों को शामिल कर देश में मल्टी मोड कनेक्टविटी में सुधार करने और देश भर में लास्ट माइल कनेक्टिविटी स्थापित करने का काम शुरू किया गया। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय देश में 35 मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क्स (एमएमएलपी) स्थापित कर रहा है जिनमें से 15 की स्थापना अगले तीन साल में की जाएगी। इसके साथ ही देश में उद्योग को अधिक प्रभावी और लचीला बनाने के उद्देश्य से 2022 में राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स पॉलिसी शुरू की गई जो लॉजिस्टिक ईकोसिस्टम के भीतर विभिन्न एजेंसियों के प्रभावी एकीकरण और इस प्रक्रिया के प्रवाह को सुगम बनाने के लिए नवीन प्रौद्योगिकियों को अपनाने जैसे इन दो मुख्य क्षेत्रों पर केंद्रित थी।
देश भर में स्टेट ऑफ द आर्ट मल्टी मॉडल अवसंरचना के निर्माण को गति देने के लिए मंत्रालय ने राष्ट्रीय मास्टर प्लान के तहत पर्याप्त प्रगति की है। इसके तहत चेन्नई के माप्पेदु में 184.27 एकड़ क्षेत्र में एक एमएमएलपी स्थापित की जा रही है और इस पहली एमएमएलपी का कार्य मेसर्स रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड को आवंटित किया गया है। प्रधानमंत्री ने गत 26 मई 2022 को इसका शिलान्यास किया था।
मंत्रालय द्वारा बनाए जा रहे इस नए एमएमएलपी के साथ ही देश में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड में बड़े पैमाने पर स्टेट ऑफ द आर्ट अवसंरचना के विकास की भी एक तरह से नीव रख दी गई। इस कार्य में केंद्र सरकार और राज्य सरकार ने साथ मिलकर एक सरकारी एसपीवी का गठन किया जिसमें नेशनल हाइवेज लॉजिस्टक्स मैनेंजमेंट लिमिटेड, रेल विकास निगम लिमिटेड, चेन्नई पोर्ट अथॉरिटी और तमिलनाडु इंडस्ट्रीयल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन को शामिल किया गया है। इस परियोजना की अनुमानित लागत 1424 करोड़ रुपए है। इस परियोजना के निर्माण और रख-रखाव की अवधि 45 साल होगी। इस एसपीवी के तहत 104 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से 5.4 किलोमीटर दूरी का चार लेन वाला राष्ट्रीय राजमार्ग तैयार करने के साथ ही 217 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से 10.5 किलोमीटर लम्बा एमएमएलपी तक का नया रेल मार्ग बनाया जाएगा।
इस एमएमएलपी का विकास तीन चरणों में किया जाएगा, जिसमें पहले चरण का विकास 783 करोड़ रुपए की अनुमानित विकास निवेश राशि से दो साल के अंदर किया जाएगा और यह 2025 तक व्यावसायिक रूप से काम करना शुरू कर देगा। चेन्नई स्थित एमएमएलपी चेन्नई पोर्ट से 52 किलोमीटर, एन्नोर पोर्ट से 80 किलोमीटर और कतुपल्ली हवाई अड्डे से 87 किलोमीटर की दूरी पर बनाया जाएगा और यह देश के दक्षिणी क्षेत्र में लॉजिस्टिक्स का महत्वपूर्ण बिंदू होगा। अनुमान है कि अपनी 45 वर्ष की अवधि में यह 7.17 मिलियन मीट्रिक टन (एमएमटी) सामान की ढुलाई करेगा।
(Source: PIB)