गुड़ इकाइयों का क्लस्टर बनाकर एथेनॉल उत्पादन की अनुमति दी जाए: राजू शेट्टी

कोल्हापुर : किसान नेता और स्वाभिमानी शेतकरी संगठन के अध्यक्ष राजू शेट्टी ने मांग की है कि, राज्य भर के गुड़ इकाइयों का क्लस्टर बनाकर एथेनॉल उत्पादन की अनुमति दी जाए। शेट्टी ने मांग पर चर्चा के लिए कुछ दिन पहले केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात की थी। उन्होंने दावा किया कि, भारत में उत्पादित लगभग 15% गन्ने का उपयोग गुड़ तैयार करने के लिए किया जाता है। गुड़ बनाना एक पारंपरिक व्यवसाय है और चीनी उत्पादन के विपरीत छोटे पैमाने पर किया जाता है। उन्होंने कहा, फिलहाल सिर्फ चीनी मिलों को ही एथेनॉल का उत्पादन करने की अनुमति है।

उन्होंने तर्क दिया की, महाराष्ट्र में बड़ी संख्या में चीनी मिलें अपनी गन्ना पेराई क्षमता बढ़ा रही हैं। इसका मतलब है कि, बड़ी मात्रा में गन्ना मिलों को भेजा जाएगा और गुड़ इकाइयों को गन्ने की कमी का सामना करना पड़ेगा। यह पारंपरिक व्यवसाय को बाधित करेगा। शेट्टी ने दावा किया कि, गुड़ इकाईयां घाटे में हैं, ऐसे में अगर उन्हें एथेनॉल का उत्पादन करने की अनुमति दी जाती है तो वे नुकसान की भरपाई कर सकते हैं।

शेट्टी ने कहा कि, अगर आठ से दस गुड़ इकाईयों के लिए प्रति दिन 7,000 लीटर क्षमता की एक एथेनॉल इकाई की अनुमति दी जाती है, तो उन्हें तक़रीबन 500 टन गन्ने की आवश्यकता होगी। इतना गन्ना गुड़ इकाइयों को आसानी से उपलब्ध हो सकता है। शेट्टी ने कहा कि, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मांग पर सहमति जताई और उपभोक्ता मामलों के विभाग को प्रस्ताव लाने के लिए कहा है।

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