लखीमपुर खीरी, उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश में गन्ना फसल कीट के चपेट में फंसी है, और कृषि विशेषज्ञों द्वारा किसानों से कीट रोगों से गन्ना फसल को बचाने की अपील की जा रही है। चीनी मिल व गन्ना विभाग व गन्ना शोध संस्थान की ओर से कोड़री गांव में आयोजित किसान गोष्ठी में किसानों को गन्ना फसल में लगने वाले रोगों की पहचान व रोकथाम की तकनीकी जानकारी दी गई। गोष्ठी में चीनी मिल अधिकारियों, गन्ना विकास विभाग के अधिकारियों, गन्ना शोध संस्थान, शाहजहांपुर के वैज्ञानिकों ने हिस्सा लिया। इस अवसर पर किसानों को उन्नतशील प्रजातियों की बुवाई ट्रेंच विधि से करने के साथ चीनी मिल ने गन्ना विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के बारे में बताया।
वरिष्ठ वैज्ञानिक व उप निदेशक डा. प्रवीण कुमार कपिल ने किसानों और चीनी मिल स्टॉफ को कीट-पतंगों जैसे चोटी बेधक, अर्ली शूट बोरर आदि कीटों के नियंत्रण, रेड-रॉट बीमारी की पहचान व रोकने के तरीके बताएं। कृषि वैज्ञानिक डा. आरडी तिवारी ने किसानों व चीनी मिल कर्मियों को बताया कि किसी भी दशा में प्रतिबंधित प्रजातियों या अस्वीकृत व अन्य राज्यों की विकसित प्रतिबंधित प्रजातियों की बुवाई न करें। इस गोष्ठी की अध्यक्षता पूर्व ब्लॉक प्रमुख नकहा हरिवंश लाल वर्मा ने की। गोष्ठी में प्रगतिशील किसान गुडडू यादव, रोशन लाल, कृष्ण मोहन आदि उपस्थित रहे।