कर्नाटक की चीनी मिलों का बाढ़ प्रभावित गन्ना खरीदने से इनकार

बेंगलुरु: पिछले साल उत्तर कर्नाटक में आयी विनाशकारी बाढ़ से परेशान हाल गन्ना किसानों को एक और झटका लगा है, क्यूंकि किसानों का दावा है की चीनी मिलें उनके गन्ने नहीं खरीद रहे है।

गन्ना किसानों का दावा है की चीनी मिलों ने खराब गुणवत्ता का हवाला देते हुए बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित बेलागवी, बागलकोट और गदग जिलों के किसानों का गन्ना खरीदने से इंकार कर दिया है। बागलकोट के एक किसान ने बताया कि पेराई सीजन का यह दूसरा महीना है, लेकिन किसी भी मिल ने उनका गन्ना नहीं खरीदा। मिल वाले कहते हैं कि बाढ़ से प्रभावित होने के कारण यह निम्न गुणवत्ता का है। हालांकि कुछ मिल मालिकों ने कहा है कि वे बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से गन्ना खरीद रहे हैं और केवल उन फसलों को खारिज कर रहे हैं जो पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हैं।

बता दें कि पिछले साल अगस्त में आयी भयानक बाढ़ में हजारों एकड़ गन्ने की फसलें प्रभावित हुई। मिलरों का कहना है कि बाढ़ प्रभावित गन्ने से चीनी का कम उत्पादन होगा। एक चीनी मिल मालिक ने कहा कि ऐसे गन्ने कैसे खरीदें जिनमें चीनी की मात्रा ही नहीं। मिलरों के इस रुख ने गन्ना किसानों को भारी संकट में डाल दिया है। बाढ़ में अपने मकान और फसलें गंवा चुके किसानों को गन्ने की बिक्री से ही कुछ आय की उम्मीद थी। मुधोल के एक किसान ने कहा कि वे दाम में कमी करने को भी तैयार हैं, लेकिन मिल मालिक नहीं मान रहे हैं। किसानों ने गुहार लगायी है कि अब सरकार ही इस मामले में हस्तक्षेप करे तथा मानवीय आधार पर किसानों से गन्ना खरीदने का निर्देश जारी करे।

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