बेंगलुरू: सिर्फ एक क्लिक से गन्ना किसान अपनी फसल की बीमारी का पता लगा सकेंगे। इसके लिए उन्हें “सफल फसल” नामक एक ऐप का इस्तेमाल करना होगा। इस ऐप को डॉ एसएन ओंकार, मुख्य अनुसंधान वैज्ञानिक, एयरोस्पेस इंजीनियरिंग विभाग, भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी), बेंगलुरु द्वारा विकसित किया जा रहा है। इसके उन एल्गोरिथ्म की प्रोग्रामिंग ख़तम कर दी है जो बीमारियों की पहचान करते हैं। यहीं नहीं, गन्ने की बीमारी का पता लगने पर उसके बचाव के उपायों का भी एक डेटाबेस होगा जो किसानों को बीमारी के इलाज के बारे में बताएगा।
गन्ने की बीमारी के लिए ऐप विकसित करने का विचार डॉ ओंकार को किसानों से बातचीत के दौरान आया। किसानों ने उनसे फसल की बीमारी के बारे में उनसे बातचीत की थी। और फसल के रोग की पहचान करने में आई कठिनाई के बारे में बताया। किसानों को इस ऐप से सबसे अधिक फायदा होगा।
ओंकार ने कहा कि आज अनेक युवा कृषि विशेषज्ञ हैं, लेकिन वे फसलों और उसकी बीमारियों से परिचित नहीं हैं। ऐसे युवाओं को ऐप से लाभ होगा। किसान अपने गन्नों की बीमारी की रोकथाम कर सकेंगे और अपने खेत के गन्ने का सतत निरीक्षण कर सकेंगे।
विशेषज्ञों, जिनमें जैव प्रौद्योगिकी क्षेत्र के लोग भी शामिल हैं, ने इस क्षेत्र में प्रचलित पांच लोकप्रिय बीमारियों और कुछ विशेषताओं के साथ उन्हें पहचानने के तरीकों को अपनाने में मदद की है। इससे ऐप्स के एल्गोरिथ्म को प्रोग्रामिंग करने में मदद मिली है जो क्लाउड में इमेज प्रोसेसिंग के माध्यम से चित्रों का विश्लेषण करता है। पैदावार की सिर्फ पांच तस्वीरों के साथ, कोई भी गन्ने की स्थिति जान सकता है।
फिलहाल संस्थान की टीम फोटो के माध्यम से बीमारियों को पहचानने का काम सटीकता से कर रही है और हम इसके लिए एक बड़ा डेटाबेस बना रहे हैं।
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