चीनी मिल में होगा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल: कोल्हे चीनी मिल ने ‘महिंद्रा एंड महिंद्रा’ के साथ समझौता किया

पुणे / अहिल्यानगर (महाराष्ट्र): संजीवनी उद्योग समूह के अध्यक्ष बिपिन कोल्हे के मार्गदर्शन में, सहकार महर्षि शंकरराव कोल्हे सहकारी चीनी मिल (Sahakar Maharshi Shankarrao Kolhe Sahakari Sakhar Karkhana Ltd) उद्योग से जुड़े नए नए बदलावों को अपना रही है। फैक्ट्री ने महिंद्रा एंड महिंद्रा कंपनी के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके माध्यम से मिल के संचालन में उपग्रहों और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का प्रभावी ढंग से उपयोग किया जाएगा। अध्यक्ष विवेक कोल्हे ने दावा किया है कि, कोल्हे मिल देश की पहली ऐसी चीनी मिल है, जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक का इस्तेमाल कर रही है।

कोल्हे ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि, राज्य के पूर्व मंत्री श्री शंकरराव कोल्हे ने चीनी उद्योग से जुड़े उन्नत तकनीक का अध्ययन करके देश के चीनी उद्योग को लगातार मार्गदर्शन किया। उन्होंने कहा, अब मिल ने सैटेलाइट के जरिए गन्ने के प्लॉट को मापने, मल्टीस्पेक्ट्रम कैमरे की मदद से खेत में खड़े गन्ने में चीनी की मात्रा/ रिकवरी की जांच करने के लिए महिंद्रा एंड महिंद्रा कंपनी के साथ एक समझौता किया है। उपग्रहों की मदद से मौसम संबंधी कारकों का भी अध्ययन किया जाता है। यह सारी जानकारी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का उपयोग करके निकाली जाती है।

कोल्हे ने कहा कि, हर हफ्ते मिल की प्रयोगशाला में निष्कर्षों की दोबारा जांच की जाती है और गन्ना काटने का कार्यक्रम लागू किया जाता है, जिसके परिणामस्वरूप लागत में बचत करके 0.2 प्रतिशत अधिक चीनी रिकवरी हासिल की है। कार्यकारी निदेशक बाजीराव सुतार, चीनी महाप्रबंधक शिवाजीराव दिवटे, गन्ना प्रबंधक जी. बी. शिंदे, गन्ना विकास अधिकारी शिवाजीराव देवकर, महिंद्रा कंपनी के करमयोग सिंह, मंदार गडगे, सुमित दरफले, किरण किर्द्क आदि टीम इस परियोजना की सफलता के लिए प्राथमिकता से क्रियान्वयन कर रही है।

 

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