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केजीएस शुगर्स 69 दिनों तक काम करने के बाद 3 फरवरी को बंद होने वाली राज्य की पहली चीनी मिल है।
पुणे : चीनी मंडी
2018 – 2019 का महाराष्ट्र का चीनी सीजन खत्म होने के कगार पर है। पिछले हफ्ते, पांच मिलों ने पेराई (क्रशिंग) प्रक्रिया को पूरा करने के लिए परिचालन बंद कर दिया है, इसके साथ कुल आंकड़ा 12 तक गया है। इस साल लगभग 192 मिलों ने चीनी उत्पादन में भाग लिया है।
चीनी आयुक्त शेखर गायकवाड़ ने कहा कि, अब तक लगभग 841 लाख टन गन्ने की पेराई (क्रशिंग) की गई है, जिससे लगभग 90 लाख टन कच्ची चीनी का उत्पादन हुआ है। उन्होंने कहा कि, वित्त वर्ष 2019 में लगभग 110 दिनों तक चीनी मौसम रहा और अप्रैल तक पांच-छह मिलें खुली रह सकती हैं, जबकि ज्यादातर मिलों का काम मार्च में बंद होने की संभावना है। केजीएस शुगर्स 69 दिनों तक काम करने के बाद 3 फरवरी को बंद होने वाली राज्य की पहली मिल है। केजीएस शुगर्स ने 6.68 की रिकवरी दर पर 42,468 टन गन्ना क्रशिंग के साथ 42,940 क्विंटल चीनी का उत्पादन किया है।
इसके बाद जय श्री राम शुगर थी, जिसने 6 फरवरी को क्रशिंग बंद कर दी और 166,402 टन की क्रशिंग करके 17.300 क्विंटल का उत्पादन किया, जिसमें 10.37% की रिकवरी दर थी। पहले चरण में संचालन बंद करने वाली मिलों ने 69 और 105 दिनों के बीच काम किया। बंद करने वाली पहली पांच मिलें पुणे, अहमदनगर, सोलापुर और नासिक से हैं।
आयुक्त गायकवाड़ ने कहा कि, उचित और पारिश्रमिक मूल्य (FRP) की स्थिति में सुधार हुआ है। 15 फरवरी को 4,600 करोड़ रुपये से, मिलर्स ने पिछले चार दिनों में 400 करोड़ रुपये का भुगतान किया है, जिससे कुल बकाया 4,200 करोड़ रुपये हो गया है। मिलों ने फरवरी के दूसरे सप्ताह में किसानों को एफआरपी भुगतान में लगभग 2,000 करोड़ रुपये जारी किए हैं। 45 मिलों पर राजस्व और वसूली प्रमाण पत्र (आरआरसी) कार्रवाई नोटिस के बाद राज्य में मिलों ने लगभग 5,915 करोड़ रुपये का भुगतान किया है।
राज्य में 17 से अधिक मिलों ने एफआरपी के विलंबित भुगतान के लिए किसानों के साथ समझौता किया था। इस हिसाब से कुल बकाया 15,605 करोड़ रुपये था। हालांकि, राज्य में किसान संगठनों ने विलंबित भुगतान पर आंदोलन किया, जिसके बाद 45 मिलों को आरआरसी नोटिस जारी किए गए। लगभग 20 मिलों ने 100% एफआरफ़ी भुगतान किया है, 44 मिलों ने 80-90% भुगतान किया है, 61 (60-79%), 42 मिल (40-59%) और 19 मिल (20%) गन्ना भुगतान किया हैं। चीनी आयुक्त गायकवाड़ को उम्मीद है कि, मार्च के अंत तक गन्ने का बकाया 10% से कम हो जाएगा।
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