राज्य में लगातार बारिश के बीच, मध्य असम के नगाँव जिले के ग्रामीण गांव में संभावित बाढ़ की स्थिति को लेकर चिंतित हैं।
काकतीगांव के ग्रामीण कोपिली नदी द्वारा मिट्टी के कटाव के बाद संभावित बाढ़ को लेकर चिंतित हैं, जो क्षेत्र के लगभग 14 गांवों के लिए खतरा पैदा कर सकता है।
गाँव में रहने वाले ग्रामीण ने जानकारी दी की, “अगर कोपिली नदी का जलस्तर बढ़ेगा तो इस क्षेत्र में 13-14 गांव प्रभावित हो सकते हैं।”
एक और ग्रामीण ने ANI से बाढ़ की संभावना के बारे में अपनी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, “हम अब अपने परिवार के लिए बाढ़ की संभावना से बहुत चिंतित हैं। कोपिली नदी ने डूबती धरती का एक बड़ा हिस्सा उत्सर्जित कर दिया है। अगर जलस्तर बढ़ेगा तो बाढ़ का पानी इस क्षेत्र के 13-14 गांवों को डूबा देगा। बोगोलाजान पंचायत पूरी तरह से प्रभावित होगी। हम असम के मुख्यमंत्री, जल संसाधन मंत्री से अपील करते हैं कि इस क्षेत्र की सुरक्षा के लिए जल्द से जल्द उचित कार्रवाई की जाए।”
एक और ग्रामीण ने जानकारी देते हुए कहा कि, पिछले साल नदी ने काकतीगांव के बांध को नष्ट कर दिया था।
ग्रामीणों ने कहा की, पहले, हमने मुख्यमंत्री, जल संसाधन मंत्री और स्थानीय विधायक से बांध की मरम्मत के लिए कुछ कदम उठाने की गुहार लगाई थी, लेकिन वह नहीं हुआ। हम फिर से मुख्यमंत्री और जल संसाधन मंत्री से अपील करते हैं कि वे ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए कुछ करें।
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (ASDMA) के अनुसार, लखीमपुर, बिस्वनाथ, दरंग, धेमाजी, दिब्रुगढ़, गोलाघाट, होजाई, नागावन, सोनितपुर, तिनसुकिया, उदलगुरी जिलों के लगभग 34,000 लोग को पहली बाढ़ के कारण काफी मुश्किलें उठानी पड़ी थी। बाढ़ से प्रभावित जिलों में 1,510.98 हेक्टेयर खेती की भूमि भी डूब गई थी। 25 राजस्व मंडलों के तहत 142 गांव वर्तमान में पानी में डूबे हुए हैं। पिछले 24 घंटों में बाढ़ के पानी ने 4 बांध, 20 सड़कें, 2 पुल, कई स्कूल, सिंचाई नहरें और आंगनवाड़ी केंद्रों को नुकसान पहुंचाया है।
साथ ही, कछार, कामरूप (मेट्रो), और नलबाड़ी जिलों में भी बाढ़ की सूचना मिली है।