गुवाहाटी : मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि, असम सरकार दालों और चीनी को राशन कार्ड के माध्यम से उपलब्ध कराने पर विचार कर रही है, ताकि कीमतों में उछाल आने पर इन वस्तुओं की कीमतों को स्थिर रखा जा सके।सरमा ने नए राशन कार्ड के वितरण के पहले चरण का शुभारंभ किया। दिसंबर तक, प्रत्येक लाभार्थी को 5 किलो मुफ्त चावल मिलेगा, जिससे जरूरतमंद लोगों के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित होगी। पत्रकारों से बात करते हुए सरमा ने कहा कि, राज्य सरकार ने सितंबर में 20 लाख लाभार्थियों को नए राशन कार्ड प्रदान करने का फैसला किया था। उन्होंने कहा, आज हम 7 लाख लाभार्थियों को नए राशन कार्ड दे रहे हैं। उम्मीद है कि 28 दिसंबर तक लगभग 18-19 लाख नए लाभार्थी इसके दायरे में आ जाएंगे। सीएम ने कहा कि, अब राशन कार्ड आधार नंबर से जुड़ गए हैं, इसके जरिए मेडिकल बीमा और सब्सिडी वाले एलपीजी सिलेंडर जैसे अन्य लाभ भी दिए जा रहे हैं, साथ ही राशन कार्ड धीरे-धीरे ‘पारिवारिक पहचान दस्तावेज’ बन जाएंगे।
सरमा ने कहा कि, सरकार दालों और चीनी की कीमतों में बढ़ोतरी होने पर राशन कार्ड के जरिए इन्हें उपलब्ध कराने के विचार पर चर्चा कर रही है, क्योंकि इससे कीमतों को स्थिर करने में मदद मिलेगी। मैंने अपने विभाग के मंत्री कौशिक राय से उन अन्य राज्यों का दौरा करने को कहा है, जिन्होंने इसे लागू किया है। उन्होंने कहा कि, उत्तर प्रदेश, त्रिपुरा, केरल और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्य ऐसा कर रहे हैं। ‘एक राष्ट्र एक राशन कार्ड’ (ONORC) पर बोलते हुए, सरमा ने कहा, “यह हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक नवाचार है। इस पहल का शुद्ध परिणाम यह है कि यदि कोई विशेष परिवार राज्य के भीतर या बाहर दो स्थानों पर रहता है, तो राशन को विभाजित किया जा सकता है और निकाला जा सकता है।” उन्होंने कहा, यह आधार-सक्षम, केंद्र शासित पोर्टल के माध्यम से होता है और असम इसका एक हिस्सा है।