नई दिल्ली : केंद्र सरकार सार्वजनिक परिवहन को 100 प्रतिशत स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों में स्थानांतरित करने की योजना पर काम कर रही है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि, जल्द ही भारत में ज्यादातर वाहन 100 फीसदी एथेनॉल से चलेंगे। उन्होंने शनिवार को कहा कि ऑटोमोबाइल कंपनियों के शीर्ष अधिकारियों ने उनसे वादा किया है कि वे छह महीने के भीतर फ्लेक्स-फ्यूल वेरिएंट के वाहनों का निर्माण शुरू कर देंगे। ‘ईटी ग्लोबल बिजनेस समिट’ को संबोधित करते हुए मंत्री ने आगे कहा कि सरकार सार्वजनिक परिवहन को 100% स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों में स्थानांतरित करने की योजना पर काम कर रही है।
आपको बता दे, चावल, मक्का और गन्ने के रस से बायो-एथेनॉल बनाया जाता है। एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल अधिक स्वच्छ होता है और पेट्रोल या डीजल की तुलना में हरित और स्वच्छ ईंधन पर्यावरण में कम प्रदूषण करता है।
भारत का लक्ष्य वाहनों से होने वाले उत्सर्जन को कम करने के लिए अगले कुछ वर्षों में अपने एथेनॉल सम्मिश्रण लक्ष्य को बढ़ाना है। वर्तमान में, ब्राजील और अमेरिका दो प्रमुख देश हैं जहां एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल का बड़े पैमाने पर उपयोग किया जाता है। मंत्री गडकरी ने कहा, भारत भी अपनी महत्वाकांक्षी रणनीति के साथ इस सेगमेंट में अगला बड़ा खिलाड़ी हो सकता है। दिसंबर 2021 में भारत सरकार ने वाहन निर्माताओं के लिए वाहनों में फ्लेक्स ईंधन वाले इंजन पेश करने के लिए एक सलाह जारी की। एथेनॉल के अलावा, भारत सरकार हरित हाइड्रोजन और अन्य वैकल्पिक ईंधन के उपयोग पर भी ध्यान केंद्रित कर रही है। गडकरी का मानना है कि, एथेनॉल उत्पादन बढ़ाने और पेट्रोल में समिश्रण से देश को अपने ईंधन आयात बिल को काफी कम करने में मदद मिलेगी।