पीलीभीत : बजाज हिंदुस्थान शुगर लिमिटेड चीनी मिल बरखेड़ा ने शरदकालीन गन्ना बुवाई शुरू कर दी है, और मिल के अधिकारी अछि फसल के लिए किसानों को मार्गदर्शन कर रहे है। मिल की ओर से ग्राम डंडिया रांझेव भैसहा ग्वालपुर में बुआई का आरंभ यूनिट हेड एमआर खान ने किया। उन्होंने गन्ना किसानों को शरदकालीन गन्ना खेती से जादा से जादा उत्पादन के लिए किसानों को सलाह दी। जिसमें में बताया गया कि, शरदकालीन गन्ना फसल में गन्ने की दो लाइनों के बीच दूरी चार फुट रखें और उसमें अन्य सह फसल जैसे लाही, मटर , आलू , मसूर आदि लें। शरद कालीन गन्ना बोआई सही समय 15 अगस्त से लेकर अक्टूबर माह के अंत तक है।
नवीन गन्ना प्रजाति कोलक 14201, को-118, को-98014, कोसा-13235 आदि की बोआई करने की सलाह दी गई।खेत में एक गहरी जुताई अवश्य करें और भूमि उपचार के लिए आठ से 10 किलोग्राम ट्राइकोडरमा प्रति एकड़ प्रयोग करें। बोआई के समय 100 किलोग्राम यूरिया 130 किलोग्राम डीएपी तथा 100 किलोग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश को कूड़ों में प्रयोग करें। अगर धान की फसल कटाई के बाद गन्ना बोआई करनी है तो सितंबर माह में एक आंख के टुकड़े की पौध तैयार कर लें। बताया गया कि धान कटाई के बाद खेत तैयार कर कूड़ों में पौध से बोआई कर दें। केन हेड सुबोध गुप्ता ने कहा कि, नई प्रजाति का गन्ना बीज चीनी मिल से वितरित करेंगे और भूमि शोधन के लिए ट्राइकोडरमा अनुदान पर उपलब्ध कराएंगे।इस मौके पर चीनी मिल के अधिकारी अखिलेश्वर उपाध्याय, डीआर सिंह, डॉ. डीएन शर्मा, बीपी यादव, अरविंद सिंह, किसान ओमकार, प्रेम शंकर सहित दर्जनों किसान मौजूद रहे।