पुणे (महाराष्ट्र): जुन्नर वन प्रभाग के क्षेत्र में तीन चीनी मिलें हैं और गन्ने की खेती के तहत एक विशाल क्षेत्र है। इस क्षेत्र में गन्ना कटती मजदूरों पर तेंदुए का हमला होने की संभावना बनी हुई है, और इसलिए पेराई मौसम के दौरान तेंदुए के हमलों को रोकने के लिए ग्रामीणों को कई उपाय सुझाए हैं। जिसमे गाँवों के करीब पर्याप्त बिजली कनेक्शन के साथ अस्थायी टेंट स्थापित करना और रात में गन्ना काटने से बचने की सलाह दी जा रही है।
जुन्नर डिवीजन में पिछले दो वर्षों में हर साल कम से कम 20 से 25 तेंदुए के हमले की सूचना मिली है।
द टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित खबर के मुताबिक, जुन्नर डिवीजन के उप वन संरक्षक अमोल सातपुते ने कहा की, हमें हमेशा अपने काम पर तत्पर रहना होगा। डिवीजन ने एक विशेष टीम का गठन किया है, जो किसी भी आपातकालीन कॉल पर ध्यान देने के लिए जुन्नर, अंबेगांव और शिरूर तहसीलों की सीमा पर एक गांव में तैनात रहेगी। सातपुते ने कहा, हमारा विशेष दस्ता 24×7 कॉल का जवाब देगा। हमने निवारक उपाय करने के लिए चीनी मिलों और ग्रामीणों से संपर्क किया है।
मंचर रेंज की वन अधिकारी स्मिता राजहंस ने ‘टीओआई’ को बताया, हम चीनी मिलों के अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। यदि वे उपायों का पालन करते हैं, तो इससे हमें काफी हद तक समस्या का मुकाबला करने में मदद मिलेगी। वन अधिकारी गन्ना काटने वालों के बीच जागरूकता पैदा कर रहे हैं क्योंकि वे आमतौर पर सुबह जल्दी खेतों में जाते है। अधिकारियों ने कहा, उन्हें बुनियादी सुरक्षा उपाय करने चाहिए, जैसे खेत में जाने से पहले पटाखे फोड़ना या शोर मचाना।
इस बीच, चीनी मिलों के अधिकारियों ने ‘टीओआई’ को बताया कि, उन्हें अक्सर गांवों में गन्ना काटने वालों के लिए अस्थायी टेंट लगाने के लिए जगह चुनने में कठिनाई होती है। हमें ग्रामीणों, उनके पालतू जानवरों और बैलगाड़ियों के लिए एक अस्थायी बस्ती स्थापित करने के लिए एक महत्वपूर्ण खाली जगह की आवश्यकता है। हम अधिकांश गांवों में इस समस्या का सामना करते है।