पुणे : पिछले कई सालों से गन्ने की खेती पारंपरिक तरीके से की जा रही है। हालांकि, अब बारामती के कृषि विकास ट्रस्ट के माध्यम से कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) का उपयोग करके कम लागत पर गन्ने की खेती करना और अधिक फसल पैदा करना संभव हो गया है, जो देश में पहला प्रयोग है। भीमाशंकर सहकारी शक्कर कारखाना इस कार्य में अग्रणी भूमिका निभाएगा तथा गन्ना किसानों में एआई तकनीक के उपयोग के लिए जागरूकता पैदा की जाएगी। यह बात भीमाशंकर फैक्ट्री के संस्थापक और पूर्व मंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने कही।
वलसे पाटिल सोमवार को मंचर (अम्बेगांव) स्थित शरद बैंक सभागार में आयोजित गन्ना किसानों की बैठक में बोल रहे थे। इस अवसर पर शरद बैंक के अध्यक्ष देवेंद्र शाह, भीमाशंकर फैक्ट्री के अध्यक्ष बालासाहेब बेंडे, उपाध्यक्ष प्रदीप वलसे-पाटिल, विवेक वलसे-पाटिल और विष्णु हिंगे उपस्थित थे।वलसे- पाटिल ने कहा, ‘सकाळ मीडिया ग्रुप’ के चेयरमैन प्रतापराव पवार ने शरदचंद्र पवार आधुनिक गन्ना खेती विस्तार परियोजना के तहत बारामती में भारत का पहला कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) आधारित आधुनिक गन्ना खेती प्रयोग लागू किया है।
उन्होंने कहा, यह प्रयोग एक हजार से अधिक किसानों के खेतों में गन्ने पर किया गया है और इसके परिणाम सकारात्मक और लाभकारी रहे हैं।इस परियोजना का क्रियान्वयन कृषि विकास ट्रस्ट, कृषि विज्ञान केन्द्र, ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और माइक्रोसॉफ्ट द्वारा किया जा रहा है। इससे कम लागत में अधिक उपज देने वाले गन्ने की खेती संभव हो सकेगी। दिलीप वलसे- पाटिल ने कहा, भीमाशंकर फैक्ट्री के दायरे में आने वाले गन्ना उत्पादकों को इस कार्य में अधिक से अधिक भाग लेना चाहिए।