आजमगढ़, उत्तर प्रदेश: सहकारी चीनी मिल सठियांव की पिछले वर्ष की चीनी खराब गुणवत्ता के चलते डंप करनी पड़ी है, क्योंकि ग्राहक इसे खरीदने के लिए तैयार नहीं है। इस डंप पड़ी 1.30 लाख क्विंटल चीनी का ब्याज यूपी कोआपरेटिव बैंक सठियांव को लाखों रुपये महीना भरना पड़ रहा है। अमर उजाला में प्रकाशित खबर के अनुसार, वर्तमान में गुणवत्ता ठीक होने का प्रबंध तंत्र का दावा कर रहा है लेकिन जो चीनी बन रही है उसका रंग मटमैला है।
खबर में आगे कहा गया है की, चीनी गुणवत्ता युक्त होने के कारण चीनी विदेश में भी जाती थी आज हालत यह है कि भारी मात्रा में चीनी डंप पड़ी है। सहकारी चीनी मिल सठियांव में गन्ना पेराई करके चीनी का उत्पादन हो रहा है। पेराई सत्र 2024-25 में 8 लाख 10 हजार क्विंटल गन्ना क्रासिंग किया गया है। जीएम डॉ. नीरज कुमार ने कहा कि, चीनी की गुणवत्ता को लेकर हम सतर्क हैं। चीनी की एक खेप खराब निकली थी। अब इसे ठीक कर लिया गया है।