नई दिल्ली : बजाज हिंदुस्तान शुगर लिमिटेड ने शुक्रवार को वित्त वर्ष 2024 की तीसरी तिमाही में चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के ₹122.87 करोड़ शुद्ध घाटे के मुकाबले ₹20.28 करोड़ का समेकित शुद्ध लाभ कमाया। एक साल पहले की समान अवधि में कंपनी को ₹177.20 करोड़ का शुद्ध घाटा हुआ था। 31 दिसंबर, 2023 को समाप्त तिमाही में परिचालन से राजस्व भी बढ़कर ₹1,740 करोड़ हो गया, जो पिछले वर्ष की समान अवधि के दौरान ₹1,430 करोड़ था।
घाटा मुख्य रूप से उच्च कच्चे माल की लागत यानी उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा निर्धारित गन्ने की कीमतों (SAP) के कारण हुआ।चीनी की कीमत की प्राप्ति बाजार में मांग, आपूर्ति की गतिशीलता, अन्य इनपुट लागत, उच्च मूल्यह्रास और वित्त व्यय पर निर्भर करती है। कंपनी ने वित्त वर्ष 2024 की दिसंबर तिमाही में कर पूर्व लाभ 57% बढ़कर ₹65.21 करोड़ हो गया, जो कि पिछले वर्ष की अवधि ₹41.43 करोड़ था। इस बीच, दिसंबर तिमाही में कुल खर्च भी 15% बढ़कर ₹1,724 करोड़ हो गया, जो पिछले साल की समान अवधि में ₹1,491 करोड़ था।
मुंबई मुख्यालय वाली बजाज हिंदुस्तान शुगर लिमिटेड भारत की अग्रणी चीनी और एथेनॉल विनिर्माण कंपनी है। इसमें कुल मिलाकर 14 प्लांट्स है। 8 फरवरी को, कंपनी को देश के चीनी और एथेनॉल उद्योग के अग्रणी संगठन ‘चीनीमंडी’ द्वारा प्रतिष्ठित चीनी और एथेनॉल अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार (Sugar and Ethanol International Awards) से सम्मानित किया गया। ‘चीनीमंडी’ द्वारा कंपनी को ‘भारत में सबसे बड़ी एकीकृत चीनी मिल’ श्रेणी में पुरस्कार मिला।
पिछले साल अक्टूबर में, नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) ने भारतीय स्टेट बैंक द्वारा बजाज हिंदुस्तान के खिलाफ दिवाला याचिका को वापस लेने की अनुमति दी थी। यह निर्णय चीनी निर्माता द्वारा अपने वित्तीय दायित्वों को पूरा करते हुए बकाया राशि का भुगतान करने के बाद आया।