लखनऊ: उत्तर प्रदेश सहकारी चीनी मिल्स संघ लि., लखनऊ के नियंत्रणाधीन, वर्तमान में 24 चीनी मिलें क्रियाशील हैं, जिनके द्वारा प्रतिदिन 6.00 लाख कु. अथवा अधिक मात्रा में गन्ने की पेराई की जा रही है। संघ की अधिकांश चीनी मिलों (रमाला एवं सठियांव को छोड़कर) की मशीनरी पुरानी एवं जर्जर अवस्था में हैं। अधिकांश चीनी मिलों की पेराई क्षमता भी बहुत कम है, जिसके कारण सहकारी चीनी मिलों की आर्थिक स्थिति बहुत सुदृढ़ नहीं है। संघ के संज्ञान में आया है कि कतिपय चीनी मिलों में कृषकों द्वारा कालातीत/ह्ययल पर्चियों पर गन्ना तुलवाने हेतु मिल तौल लिपिकों पर अनुचित दबाव बनाया जाता है, जो चीनी मिल हित में उचित नहीं है। गन्ना सट्टा एवं आपूर्ति नियमों के अनुसार कोई भी समिति सदस्य/कृषक पर्ची निर्गमन की तिथि से 03 दिन के अन्दर (72 घण्टे तक) अपने गन्ने की आपूर्ति चीनी मिल में कर सकता है।
अतः चीनी मिलों को लाभप्रदता की स्थिति में लाने एवं चीनी मिलों में चीनी परता को बेहतर करने के उद्देश्य से समस्त किसान भाईयों से अनुरोध है कि वह समित पर्ची पर अंकित तिथि से 03 दिन के अन्दर चीनी मिल को जड़, पत्ती एवं मिट्टी रहित ताजा गन्ने की आपूर्ति करें, जिससे चीनी मिल को बेहतर चीनी परता प्राप्त हो सके। संघ स्तर पर यह भी निर्णय लिया गया है कि सहकारी चीनी मिलें 03 दिन से ज्यादा पुरानी पर्चियों पर गन्ना खरीद नहीं करेंगी। उक्त के साथ ही चीनी मिल पुराने व सूखे गन्ने की खरीद कदापि नहीं करेगी। अतः प्रबन्ध निदेशक, उ.प्र. सहकारी चीनी मिल्स संघ लि., लखनऊ के किसान भाईयों से अपील है कि चीनी मिल के बेहतर गन्ना प्रबन्धन एवं गन्ना आपूर्ति में चीनी मिल को अपना सहयोग प्रदान करें।
यह न्यूज़ सुनने के लिए प्ले बटन को दबाये.
Samay per parasiya nirgat Nahin karai ja rahi iske liye Sarkar chini Milo per kya kar rahi hai the seksaria sugar factory Biswan Sitapur samay per gana Nahin khareed pa rahi hai jisse kisanon ko kafi e pareshani ka samna karna pad raha hai unka gana samay per na pahunchne ke Karan khet mein hi sukh jata hai