गन्ने के रस के उपयोग पर प्रतिबंध से ‘एथेनॉल मिश्रण’ प्रभावित नहीं होगा: पेट्रोलियम मंत्रालय

नई दिल्ली : तेल मंत्रालय के अनुसार, एथेनॉल उत्पादन के लिए गन्ने के रस पर प्रतिबंध ने के सरकार के फैसले से एथेनॉल ईंधन-मिश्रण कार्यक्रम पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

CNBC-TV18 की रिपोर्ट के अनुसार, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय (MoPNG) के सचिव, पंकज जैन ने कहा कि, सरकार एथेनॉल मिश्रण कार्यक्रम के लिए प्रतिबद्ध है और 2023-24 में पेट्रोल में 15 प्रतिशत एथेनॉल मिश्रण हासिल करने की योजना है। CNBC-TV18 की रिपोर्ट के अनुसार, जैन ने कहा कि FY25-26 तक 20 प्रतिशत एथेनॉल मिश्रण हासिल किया जाएगा।

हालांकि, ऊर्जा विशेषज्ञों का मानना है कि गन्ने के रस का उपयोग करके एथेनॉल उत्पादन पर प्रतिबंध से सम्मिश्रण लक्ष्य प्रभावित होंगे क्योंकि देश में अन्य कच्चे माल का उपयोग करके एथेनॉल उत्पादन के लिए बुनियादी ढांचा विकसित नहीं हुआ है।

क्रिसिल मार्केट इंटेलिजेंस एंड एनालिटिक्स के निदेशक, अनुसंधान, पुशन शर्मा ने कहा, हमें उम्मीद है कि हालिया सरकारी घोषणा के कारण 2023-24 में एथेनॉल उत्पादन में 20 प्रतिशत की गिरावट आएगी। वहीं, पेट्रोल की खपत 5 फीसदी बढ़ने की संभावना है।

चूंकि भारत अपनी कच्चे तेल की जरूरतों के लिए काफी हद तक आयात पर निर्भर है, इसलिए सरकार पेट्रोल में एथेनॉल के मिश्रण पर जोर दे रही है। सरकार का लक्ष्य 2030 के अपने पिछले लक्ष्य से पहले 2025 तक 20 प्रतिशत सम्मिश्रण हासिल करना है, जबकि वर्तमान में यह 12 प्रतिशत है।

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