ढाका, बांग्लादेश: बांग्लादेश की चीनी और खाद्य उद्योग निगम (बीएसएफआईसी) ने हाल ही में सरकार के स्वामित्व वाली छह चीनी मिलों का आधुनिकीकरण करने के लिए संचालन बंद करने का फैसला किया है। बीएसएफआईसी के इस फैसले से मिल कर्मचारियों को नौकरी गवाने की आशंका है। चीनी मिल कर्मचारी और गन्ना किसानों ने छह मिलों को बंद करने के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की घोषणा की है। उद्योग मंत्री नुरुल माजिद महमूद हुमायूँ ने आश्वासन दिया है कि, छह चीनी मिलों का आधुनिकीकरण पूरा होने तक श्रमिकों को दूसरे मिलों में स्थानांतरित किया जाएगा।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, उद्योग मंत्री ने कहा, सबसे पहले एक बात स्पष्ट है की हम किसी भी चीनी मिल को बंद नहीं करेंगे। हम घाटा कम करने के लिए मिलों आधुनिक बनाने की पहल कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, मिलों के नवीनीकरण अवधि के दौरान, हमारे स्थायी कर्मचारी कुछ अन्य मिलों या संबंधित क्षेत्रों में अन्य काम से जुड़ेगे, लेकिन अनुबंध-आधारित श्रमिकों को अपने काम को फिर से शुरू करने के लिए मिल के लिए इंतजार करना होगा। उन्होंने आगे कहा कि, नौ मिलें अभी भी चालू हैं। बीएसएफआईसी के चेयरमैन सनत कुमार साहा ने भी मीडिया को बताया कि बंद मिलों के कामगारों को दूसरे राज्य के स्वामित्व वाली मिलों में स्थानांतरित कर दिया जाएगा।
2 दिसंबर को एक सरकारी आदेश में, BSFIC ने कहा कि छह मिलों- पबना चीनी, श्यामपुर चीनी, पंचगर चीनी, सेताबगंज चीनी, रंगपुर चीनी, और कुश्तिया चीनी का उत्पादन अगले नोटिस तक बंद कर दिया जाएगा। छह मिलों में लगभग 3,000 कर्मचारी कार्यरत हैं।