ढाका: बांग्लादेश के चीनी और खाद्य उद्योग निगम (बीएसएफआईसी) ने हाल ही में छह सरकारी चीनी मिलों का आधुनिकीकरण करने के लिए संचालन बंद करने का फैसला किया है। इसके चलते सरकारी चीनी मिलों के श्रमिकों और गन्ना किसानों ने बुधवार को प्रदर्शन किया और प्रधानमंत्री शेख हसीना को ज्ञापन देकर छह मिलों का संचालन बंद करने के सरकार के फैसले को वापस लेने का आग्रह किया। पबना शुगर मिल्स लिमिटेड, श्यामपुर शुगर मिल्स लिमिटेड, सेताबगंज शुगर मिल्स लिमिटेड, कुश्तिया शुगर मिल्स लिमिटेड, पंचागपुर मिल्स लिमिटेड और रंगपुर शुगर मिल्स लिमिटेड इन मिलों का पेराई सीजन इस साल बंद करने का फैसला लिया गया है।
बांग्लादेश चीनी उद्योग निगम श्रमिक-कर्मचारी महासंघ के महासचिव एसडी अनवारुल हक ने कहा कि, सभी 15 सरकारी चीनी मिलों के श्रमिक और उत्पादकों ने अपने-अपने डिप्टी कमिश्नरों के कार्यालयों में एक जुलूस निकाला और उनके माध्यम से प्रधान मंत्री को ज्ञापन की पेशकश की। उन्होंने कहा कि, चीनी उद्योग निगम श्रमिक-कर्मचारी महासंघ और बांग्लादेश शुगर मिल गन्ना उत्पादक महासंघ ने संयुक्त रूप से देश के दक्षिण और उत्तरी क्षेत्र में 15 में से छह मिलों में पेराई बंद करने के खिलाफ प्रदर्शन किया। प्रदर्शनों के दौरान, महासंघों के नेताओं ने कहा कि, गन्ना पेराई को बंद करने का सरकार का फैसला ऐसे समय में आया है जब किसान 25 दिसंबर से निर्धारित आगामी पेराई सत्र के लिए मिलों को गन्ना उपलब्ध कराने की तैयारी कर रहे थे। उन्होंने आरोप लगाया कि, सरकार का निर्णय शीर्ष अधिकारियों और निजी चीनी मिल मालिकों के बीच सांठगांठ के चलते लिया गया है। बांग्लादेश शुगर मिल गन्ना उत्पादक महासंघ के महासचिव शाहजहां अली बादशाह, पबना शुगर मिल वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष सज्जादुल इस्लाम शाहीन और महासचिव अशरफुज़्ज़मान उजाल सहित अन्य मौजूद थे।