बांग्लादेश: गोपालगंज में गन्ने की किस्म Eshwardi-34 हो रही है लोकप्रिय

गोपालगंज : उच्च उपज देने वाली गन्ने की किस्म, ईश्वरदी-34 (Eshwardi-34), तेजी से लोकप्रिय हो रही है, जिससे जिले के कसियानी उपजिला में रहने वाले किसानों की उम्मीदें बढ़ गई हैं। कसियानी उपजिला कृषि कार्यालय के अनुसार, इस वर्ष कुल 223 हेक्टेयर भूमि पर गन्ने की खेती की गई है। लगभग 1,115 किसान इस खेती से जुड़े हैं और लगभग 20,000 मीट्रिक टन उत्पादन का लक्ष्य है। कसियानी के उपजिला कृषि अधिकारी (यूएओ) काजी एजाजुल करीम ने ‘एफई’ को बताया कि, इस क्षेत्र में ‘ईश्वरदी-34’ किस्म की खेती से किसानों को काफी लाभ हुआ है।

उपजिला के खैरहट गांव के किसान, 54 वर्षीय मंसूर शरीफ ने बताया कि उन्होंने इस वर्ष 12 एकड़ भूमि पर ईश्वरदी-34 की खेती की है। यदि मौसम की स्थिति में कोई परिवर्तन नहीं हुआ तो उन्हें अपने खेत से 12,000 मन गन्ना प्राप्त होने की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि, उनकी फसल का कुल मूल्य 2,880,000 टका तक पहुंच सकता है, जबकि खेती का खर्च लगभग 720,000 टका है। उपजिले में कसियानी संघ के उप-सहायक कृषि अधिकारी (एसएएओ) महाराब हुसैन ने कहा कि, ईश्वरदी-34 किस्म की खेती अधिक लाभदायक है, क्योंकि उत्पादन की तुलना में उत्पादन लागत कम है।

उन्होंने कहा कि, एक हेक्टेयर भूमि पर खेती करने में 150,000 टका खर्च आता है, जबकि किसानों को 90 टन गन्ना मिलता है, जिसकी कीमत लगभग 594,000 टका है। खैरहट गांव के किसान 56 वर्षीय मतियार रहमान ने बताया कि, उन्होंने इस वर्ष 11 एकड़ भूमि पर ‘ईश्वरदी-34’ की खेती की है। यदि मौसम अनुकूल रहा तो उन्हें 11,000 मन गन्ना मिल सकता है। उपज का मूल्य 2,640,000 टका होगा और लागत केवल 660,000 टका है। गोपालगंज के कृषि उप निदेशक (डीडी) अब्दुल कादिर सरदार ने एफई को बताया कि जिले में कुल 317 हेक्टेयर भूमि पर गन्ने की खेती की जा रही है, जबकि लगभग 1,585 किसान गन्ने की खेती में लगे हैं। अपनी लगातार पैदावार और लाभप्रदता के साथ, गन्ने की खेती, विशेष रूप से ईश्वरदी-34 किस्म, गोपालगंज के उपजिले और अन्य हिस्सों में कृषि परिदृश्य को बदल रही है, जिससे क्षेत्र के किसानों के लिए एक आशाजनक भविष्य प्रदान हो रहा है।

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