नई दिल्ली: आम जनता जो वित्तीय व्यवहार के लिए बैंक पर निर्भर रहती है उनके लिए एक राहत भरी खबर है। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के विलय के सरकार के फैसले के विरोध में 26 और 27 सितंबर को पूरे देश में दो दिवसीय हड़ताल को टाल दिया गया है। जिसके बाद आम जनता को अब परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।
आपको बता दे, यह हड़ताल यूनियन लीडर्स और वित्त सचिव राजीव कुमार के बीच हुई बैठक के बाद टली है। बैंक यूनियनों का कहना है कि सरकार ने उनकी मांगों को गंभीरता से लिया है और उस विचार करने का आश्वास दिया है।
इस हड़ताल में ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कन्फेडरेशन, ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशंस, इंडियन नेशनल बैंक ऑफिसर्स कांग्रेस और नेशनल ऑर्गेनाइेशन बैंक ऑफिसर्स शामिल थे।
गौरतलब है कि पिछले महीने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैंकों के विलय का ऐलान किया था। उन्होंने कहा था कि सरकारी क्षेत्र के 10 बैंकों का विलय करके 4 बैंक बनाए जाएंगे। इस फैसले के बाद अलग-अलग ट्रेड यूनियन ने इसके खिलाड़ विरोध किया था।
हड़ताल की वजह से लोगों को चार दिन तक परेशानी का सामना करना पड़ता, क्यूंकि 26 सितंबर और 27 सितंबर को हड़ताल होता और 28 सितंबर महीने का आखिरी शनिवार है और 29 सितंबर रविवार है। इसलिए लगातार चार दिन बैंक बंद रहने की संभावना बनी हुई थी।
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