बिजनौर: चीनी के अधिशेष बोझ को कम करने के लिए बिजनौर जिले के बरकातपुर चीनी मिल गन्ने के रस से बी हैवी मोलासेस शीरा बनाकर उससे एथनॉल बनाया जाएगा। चीनी का कम उत्पादन होगा। मिल मालिक एथनॉल बनाने पर अधिक जोर दे रहे हैं। गौरतलब है कि चीनी मिलों के इस रवैये से चीनी का उत्पादन कम होगा। चीनी मिल के अनुसार इससे चीनी का उत्पादन कम होगा औऱ वे थोड़ी अच्छी कीमत पर अपने चीनी के स्टॉक को बेच पाएंगे। वैसे भी चीनी का बंपर उत्पादन चीनी मिल, सरकार और किसान तीनों के लिए सिरदर्द बना हुआ है।
चीनी के बंपर उत्पादन के कारण मिलों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है और वे किसानों को समय से भुगतान नहीं कर पा रहे। इस साल बरकातपुर चीनी मिल भी गन्ने के रस से चीनी का उत्पादन कम करके एथनॉल बनाने जा रही है। बरकातपुर चीनी मिल के गन्ना महाप्रबंधक विश्वास राय ने बताया कि इसके लिए अनुमति मिल गई है। जिला गन्ना अधिकारी यशपाल सिंह ने कहा कि बी हैवी मोलासेस से एथनॉल बनाकर चीनी मिलों की आमदनी बढ़ेगी और चीनी का बाजार मूल्य भी बढ़ेगा।
चीनी मिलें एथनॉल के उत्पादन पर अधिक जोर दे रही हैं क्योंकि यह इससे आर्थिक मदद मिलेगी। केंद्र व राज्य सरकार एथेनॉल का उत्पादन बढ़ाकर चीनी का उत्पादन कम करने पर ज्यादा जोर दे रही हैं।
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