बेलगावी: चीनी मिलों को उचित गन्ना मूल्य भुगतान करने तथा 1 नवंबर से पहले पेराई शुरू न करने के निर्देश

बेलगावी: जिला प्रशासन ने चीनी मिलों को अपनी इकाइयों का पारदर्शी और निष्पक्ष प्रबंधन करने के निर्देश दिये है। प्रशासन के अनुसार, इकाइयों से यह सुनिश्चित करने की अपेक्षा की जाती है कि, किसानों को लाभकारी मूल्य मिले और उन्हें धोखा न मिले। बेलगावी में मिल प्रबंधकों और किसान नेताओं की एक बैठक में, उपायुक्त नितेश पाटिल ने मिलों को नियमों का पालन नहीं करने पर कड़ी कानूनी कार्रवाई करने की चेतावनी दी। बैठक यहां एस. निजलिंगप्पा गन्ना अनुसंधान संस्थान में आयोजित की गई थी।

द हिन्दू में प्रकाशित खबर के मुताबिक, पाटिल ने मिलों को निर्देश दिया कि, वे 1 नवंबर 2023 से पहले पेराई कार्य शुरू न करें क्योंकि इससे फसल की उचित वृद्धि होगी और पेराई कार्यों के लिए समय सारिणी में एकरूपता सुनिश्चित होगी। उन्होंने चीनी मिलों से यह भी कहा कि, वे उचित और लाभकारी मूल्य से अधिक भुगतान करने पर विचार करें क्योंकि किसान सूखे से पीड़ित हैं। उपायुक्त पाटील ने कहा, हमें कई शिकायतें मिली हैं कि मिलें फसल की तौल और माप के दौरान किसानों को धोखा देती है। मिलों को इन मुद्दों का समाधान करना चाहिए, और दोनों कार्यों को पारदर्शी और वैज्ञानिक तरीके से किया जाना चाहिए।

उन्होंने अधिकारियों से उन्नत मशीनों के उपयोग से प्रत्येक मिल में दो प्रक्रियाओं की निगरानी करने को कहा। उन्होंने प्रबंधन से सभी मिलों में इलेक्ट्रॉनिक या कम्प्यूटरीकृत वजन तराजू और रिकवरी मशीनें स्थापित करने को कहा। पाटिल ने किसानों से कहा कि, यदि चीनी मिलों द्वारा उनके साथ अन्याय होता है तो वे उपायुक्त कार्यालय में शिकायत करें। तौल एवं वसूली गणना में त्रुटि होने पर बाट एवं माप विभाग के अधिकारी शिकायतकर्ताओं की उपस्थिति में निरीक्षण करेंगे। उन्होंने कहा, सरकार किसानों को सभी मिलों के लिए निर्धारित एफआरपी कीमतों की प्रतियां उपलब्ध कराएगी।

उपायुक्त पाटील ने यह भी सुझाव दिया कि, किसान समूह या संघ सरकारी सहायता लेकर वजन पुल स्थापित करें। उन्होंने कहा कि, नियमों के मुताबिक, मिलों को उन किसानों का गन्ना लेने से मना नहीं करना चाहिए, जिनकी उपज मिल परिसर के बाहर तौली गई है। पुलिस अधीक्षक भीमाशंकर गुलेड़ ने अधिकारियों से वजन मशीनों का बारी-बारी से निरीक्षण करने और उन मिलों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा जो स्वतंत्र रूप से तौले गए गन्ने को लेने से इनकार करते है। गन्ना संस्थान के निदेशक बी.आर. खंडागवे ने रिकवरी के मुद्दों और अन्य नियमों के बारे में बात की। इस अवसर पर किसान नेता सुभाष शिरूर, एस.एन. जोशी, जयश्री गुरन्ननवर, चिनप्पा पुजारी, लिंगराज पाटिल और अन्य उपस्थित थे।

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