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नरसिंहपुर, 18 मार्च: मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर में शुक्रवार से जनपद मैदान में भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारियों एवं सदस्यों द्वारा किसानों की विभिन्न समस्याओं को लेकर शुरू हुआ। अनिश्चितकालीन धरना शनिवार को भी जारी है। बड़ी संख्या में धरना स्थल पर बैठे किसानों ने जिला प्रशासन, प्रदेश एवं केन्द्र सरकार की नीतियों को किसान विरोधी बताते हुए जिम्मेदारों पर निशाना साधा है। इस अवसर पर किसान नेता बाबू पटेल ने कहा कि किसानों का हमेशा ही शोषण होता आया है। सरकारें आती हैं जाती हैं पर किसानों की समस्याएं जस की तस रह जाती हैं। उड़द, मूंग, मक्का, धान और गन्ना के भुगतान के लिए भी किसान भटक रहा है। ऐसे कई किसान हैं जिन्होंने वर्ष 2018 में अपना गन्ना सुगर मिलों को बेचा था किंतु उनका पूरा भुगतान आज तक नही हो पाया। जबकि कलेक्टर के आदेश हैं कि सुगर मिलें गन्ना किसानों का भुगतान 14 दिन के भीतर करें।
सुगर मिलों द्वारा अर्से से शासन-प्रशासन के आदेशों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं, पर जिम्मेदार हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। कर्ज लेकर चला रहे घर खर्चधरना में शामिल हुए किसानों ने बताया कि पिछले साल चीनी मिलों ने आंदोलनों के बाद 300 रुपये प्रति क्विंटल की दर से गन्ना खरीदा था। यह बात अलग है कि कई किसानों को अब तक पूरा भुगतान प्राप्त नहीं हुआ। वहीं इस वर्ष तय किये गये 300 रुपये के रेट की अनदेखी की जा रही है। किसानों ने बताया कि उपज के उचित दाम व भुगतान में हो रही देरी के चलते किसान आर्थिक रूप से टूट चुका है। उसे गृहस्थी चलाने व खेती किसानी में जहां भारी दिक्कतें आ रही हैं वहीं बीमारी और शादी-विवाह के लिए मोटे ब्याज पर कर्ज लेना उसकी मजबूरी बन गयी है। किसानों का कहना है कि यदि हमारी मजबूरी विकट नहीं होती तो हमें खेतों में खड़ी हुई फसलों को छोडक़र धरना में न आना पड़ता। धरने में देवेन्द्र दुबे हर्रई, सुबोध शर्मा, श्याम लाल पटैल, चिनकी, शम्भू शरण शर्मा सहित अन्य किसान मौजूद थे।
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