मोहोळ, सोलापुर: श्रमिकों के खाते में 5 मार्च तक ढाई करोड़ रुपए जमा करा दी जायेगी और बची हुई रकम 15 अप्रेल तक दी जायेगी, ऐसा चीनी मिल प्रसाशन ने तहसीलदार जीवन बनसोडे के माध्यम से लिखित पत्र कामगार प्रतिनिधि को दिया।
उसके बाद बकाया वेतन और अन्य मागां को लेकर पिछले 16 दिनों से धरने पर बैठे मिल कर्मियों ने आंदोलन पिछे लिया। सुखे के कारण पिछले दो सालों से भीमा चीनी मिल आर्थिक संकट से घिरी हुई है। इसी बीच मिल का विस्तार और उर्जा परियोजनाएं शुरू हुई है। इन सब के बीच कर्मचारियों का वेतन, पेंशन और किसानों को एफआरपी भुगतान बकाया रह गया था। बकाया वेतन भुगतान और अन्य मागां को लेकर पिछले 16 दिनों से मिल कर्मी धरने पर बैठे थे।
आंदोलन के दौरान मिल के पूर्व अध्यक्ष सुधाकर परिचारक, पूर्व विधायक राजन पाटील आदि नेताओं ने आंदोलनकारियों से मुलाकात की और मिल के आथकि कठनिाईयों के बारे में विचारविमर्श किया। प्रांताधिकारी सचिन ढोले ने भी मिल आंदोलनकारियों कि बैठक बुलाकर समस्या का हल निकालने कि कोशिश की, लेकिन वह बैठक भी बेनतीजा साबित हुई थी।
इस बीच मंगलवार को जिलाधिकारी मिलींद शंभरकर के कार्यालय में बैठक हुई। इस बैठक में मिल के उपाध्यक्ष सतीश जगताप, प्रबंध निदेशक सुर्यकांत शिंदे,तहसीलदार जीवन बनसोडे और श्रमिक प्रतिनिधियों की बैठक हुई। इस बैठक में 5 मार्च तक 2 करोड 50 लाख रूपये और 15 अप्रेल तक बची हुई सभी रकम चुकाने का वादा मिल प्रबंधन कि तरफ से किया गया।
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