शिवराज सिंह चौहान के साथ बैठक के दौरान बिहार के कृषि मंत्री ने राज्य में मक्का की उत्पादन क्षमता पर प्रकाश डाला

देश में कृषि क्षेत्र की तीव्र प्रगति के उद्देश्य से केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण तथा ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्यवार चर्चा शुरू की है, जिसके तहत आज नई दिल्ली स्थित कृषि भवन में केंद्रीय मंत्री ने बिहार के कृषि मंत्री मंगल पांडे सहित एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक की। केंद्रीय मंत्री ने बिहार को राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आरकेवीवाई) तथा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के अंतर्गत आवंटित धनराशि की समीक्षा करने का आश्वासन दिया तथा इस संबंध में नए प्रस्ताव मांगे। चौहान ने खरीफ सीजन के लिए बीजों की सुचारू आपूर्ति सुनिश्चित करने तथा रबी सीजन के बीजों की आपूर्ति के लिए शीघ्र योजना बनाने के लिए भी समीक्षा करने का आह्वान किया।

केंद्रीय मंत्री चौहान ने बिहार के कृषि मंत्री पांडे से कृषि मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों के बारे में चर्चा की। केंद्रीय मंत्री चौहान ने कहा कि बिहार के किसानों को केंद्रीय स्तर पर किसी भी तरह की परेशानी नहीं आने दी जाएगी। केंद्रीय मंत्री ने जोर देकर कहा कि देश में कृषि क्षेत्र को बेहतर बनाने के लिए केंद्र और राज्य दोनों को एक टीम के रूप में काम करना चाहिए और समन्वित तरीके से समाधान तलाशना चाहिए। बिहार के कृषि मंत्री ने राज्य में कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके) को मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर दिया और केंद्रीय मंत्री ने आश्वासन दिया कि वे केवीके के कामकाज की समीक्षा करेंगे। पांडे ने राज्य में मक्का और मखाना की उत्पादन क्षमता पर प्रकाश डाला और इसे साकार करने के लिए केंद्र से सहयोग का आह्वान किया।

इस अवसर पर केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर के साथ-साथ केंद्र एवं राज्य कृषि विभागों के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। इससे पहले केंद्रीय मंत्री ने असम, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के कृषि मंत्रियों से मुलाकात की थी।

देश में एथेनॉल उत्पादन में मक्का की अहम भूमिका है। स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों को बढ़ावा देने और जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करने के लिए भारत सरकार ने 2025-26 तक 20% एथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य रखा है, ऐसे में एथेनॉल के लिए फीडस्टॉक के रूप में मक्का की मांग में उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद है। बिहार, जो अपनी पर्याप्त मक्का उत्पादन क्षमता के लिए जाना जाता है, इस मांग को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

(Source: PIB)

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