पटना: राज्य कैबिनेट ने मंगलवार को ‘बिहार जैव ईंधन उत्पादन प्रोत्साहन नीति – 2023’ (बिहार बायोफ्यूल्स प्रोडक्शन प्रमोशन पॉलिसी, 2023) को मंजूरी दे दी, जो राज्य में एथेनॉल के अलावा कम्प्रेस्ड बायोगैस (सीबीजी) के उत्पादन का मार्ग प्रशस्त करेगी। बिहार में सीबीजी इकाइयां स्थापित करने में रुचि रखने वाली फर्म या व्यक्ति नई नीति की अधिसूचना के बाद और अगले साल 30 जून तक इसका लाभ लेने के लिए आवेदन करना शुरू कर सकते हैं।
सीबीजी का उत्पादन बायोमास और अपशिष्ट स्रोतों जैसे कृषि अवशेष, मवेशी गोबर, गन्ना प्रेस मड, नगरपालिका सॉलिड वेस्ट और सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के अपशिष्ट से किया जाता है। केंद्र सरकार की सस्टेनेबल अल्टरनेटिव टुवर्ड्स अफोर्डेबल ट्रांसपोर्टेशन (एसएटीएटी) योजना के अनुसार, सीबीजी में लगभग सीएनजी के समान गुण है। इसलिए, सीएनजी से चलने वाले वाहन को बिना किसी सीबीजी संशोधन के भरा जा सकता है।
उद्योग मंत्री समीर महासेठ ने टाइम्स ऑफ़ इंडिया को बताया की, नई नीति एथेनॉल के अलावा सीबीजी के उत्पादन की अनुमति देगी। सीबीजी परियोजनाओं की स्थापना से जलवायु संरक्षण में मदद मिलेगी, प्राकृतिक गैस का आयात कम होगा और रोजगार पैदा होगा। इससे किफायती दरों पर स्वच्छ ईंधन चुनने का अवसर भी मिलेगा।